लखनऊ: प्रदेश के रेशम उद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की धीमी प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए निर्धारित लक्ष्यों को समय से हासिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में योजनाओं के तहत जारी धनराशि का समय से सदुपयोग सुनिश्चित करें। लापरवाही की वजह से यदि धनराशि लैप्स होती है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रचलित नई तकनीकियों को अपनाने की हिदायत दी और कहा कि ज्यादा रेशम उत्पादन करने वाले राज्यों से सीख लेकर प्रदेश में रेशम का उत्पादन बढ़ाया जाय।
श्री पचैरी आज रेशम निदेशालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक के दौरान विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने रेशम विकास योजना एवं रेशम अनुसंधान योजना में अपेक्षित प्रगति न किये जाने पर नराजगी व्यक्त करते हुए वांछित परिणाम हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग के अधीन फार्मों का डेटाबेस तैयार किया जाय। इसके साथ ही नई प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाय, जिससे रेशम उत्पादन में वृद्धि हो। इसके अलावा रेशम उत्पादन में लगे किसानों से भी बात की जाए और उनकी व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर करते हुए उनके अनुभवों को साझा किया जाय।
मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में कोया उत्पादन में लगे किसानों का डाटाबेस तैयार कराया जाय कि कितने किसान कोया उत्पादन में लगे हैं, उन किसानों को चिन्हित किया जाय और सर्वाधिक कोया उत्पादन करने वाले किसानों को पुरस्कृत करने की योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादन के लिए प्रोत्साहन जरूरी है, क्योंकि हमारी सरकार जनपदीय उत्पादों को ब्रांड के रूप में स्थापित करके किसानों की आमदनी दोगुना करना चाहती है। उन्होंने पूर्व में खरीदे गये उपकरणों का वास्तविक उपयोग हो रहा है अथवा नहीं इसका सत्यापन कराने के निर्देश दिये।
जनपदों में विभिन्न योजनाओं की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण के लिए मुख्यालय स्तर से विभागीय टीम गठित किये जाने पर जोर देते हुए श्री पचैरी ने कहा कि समय-समय आकस्मिक निरीक्षण किये जायं और जहां भी कमियां मिले ऐसे कर्मियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने धागा बनाने वाली रीलिंग मशीन खरीदनें में विलम्ब पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि क्रय प्रक्रिया की खामियों को दूर करते हुए तत्काल मशीन की खरीद सुनिश्चित की जाए।
रेशम उद्योग मंत्री ने प्रदेश में रेशम संबंधी गतिविधियों को तेज करने के लिए दो टीम गठिन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक टीम नई दिल्ली में कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों से सम्पर्क करके रेशम उत्पादन के क्षेत्र में अपनाई जा रही नई रणनीति एवं तकनीकी के बारे में जानकारी प्राप्त करे और दूसरी टीम बैंगलोर सेंट्रल सिल्क बोर्ड से सम्पर्क करके प्रदेश में रेशम के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप तैयार करे। इसके साथ ही विभागीय कर्मियों को नई तकनीकी से लैस करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिलाया जाय।
श्री पचैरी ने कहा कि विभागीय कर्मचारियों/अधिकारियों सेवा संबंधी प्रकरणों एवं लम्बित देयों का भुगतान समय से सुनिश्चित कराया जाय। इसके साथ ही खाली पदों को भरने के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू कराई जाए।
वस्त्रोद्योग एवं रेशम उद्योग, अपर मुख्य सचिव श्री मुकुल सिंघल ने श्री पचैरी जी को आश्वस्त किया कि आज समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। इसके साथ ही विभाग की खाली जमीन तथा ऐसी भूमि जिसपर पानी के अभाव में खेती सम्भव नहीं है, ऐसी जमीनों को चिन्हित करके टेक्सटाइल्स पार्क स्थापित कराया जाय। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर रेशम उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के साधन सृजित होंगे। समीक्षा बैठक में मुख्यालय तथा मण्डलीय एवं जनपदीय स्तर के अधिकारी मौजूद थे।