नई दिल्लीः रेल मंत्रालय ने विरासत के संरक्षण के लिये कई सुधारों की पहचान की है। रेलवे की एक दशक से पुरानी समृद्ध विरासत के संरक्षण के लिये रेलवे बोर्ड ने हाल ही में रेलवे जोनों एवं उत्पादन इकाइयों के विरासत अधिकारियों के साथ एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्वनी लोहानी ने बैठक की अध्यक्षता की। प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये रेलवे बोर्ड के सचिव श्री रजनीश सहाय ने भारतीय रेलवे में विरासत के संरक्षण पर जोर दिया। श्री सहाय ने कहा कि रेल मंत्रालय के इतिहास में पहली बार इस तरह की मंथन बैठक आयोजित की गयी है।
फेयरी क्वीन स्टीम लोकोमोटिव को पुन: चालू करने और रेवाड़ी भाप केंद्र की स्थापना की तर्ज पर रेलवे बोर्ड रेलवे की ऐसी विरासत संबंधी चीजों की पहचान के लिये विशेष अभियान शुरू करने वाला है जो अभी अलग-अलग जगहों पर उपेक्षित पड़ी हैं। बोर्ड की योजना है कि ऐसी विरासत संबंधी चीजों का ठीक से संरक्षण और प्रदर्शन किया जाये; राष्ट्रीय रेल संग्रहालय एवं सभी क्षेत्रीय रेलवे दोनों ही स्तरों पर रेलवे के इतिहास का समयबद्ध ब्योरा तैयार किया जाये और सभी अहम आयोजनों का ब्योरा रखा जाये; विरासत के संरक्षण वाले इन प्रयासों में भाप चालित रेलगाड़ियों का अलंकरण एवं भाप वाली लाइनों पर नियमित अंतराल पर भाप वाली गाड़ियों को चलाना भी शामिल है।
इस प्रयास में पर्वतीय रेलवे के संरक्षण एवं उसे विश्व स्तरीय बनाने के प्रयास को विशेष महत्व मिलेगा।
इस बैठक में रेलवे बोर्ड के कई सेवानिवृत्त सदस्यों और रेलवे के प्रति उत्साही लोगों के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय रेलवेज और उत्पादन इकाइयों के 40 से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुये। इस सत्र का आयोजन राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में किया गया था। इस सत्र का उद्देश्य संरक्षण प्रक्रिया के विभिन्न आयामों एवं तकनीक के बारे में जागरूकता बढ़ाना था जिसमें विशेषकर के संग्रहालय प्रबंधन, विरासत भवनों का संरक्षण जिसमें स्टेशन, पुल भी शामिल हैं साथ ही मीटर गेज, नैरो गेज वाले हिस्से, रेलवे आर्काइव का संरक्षण एव डिजिटाइजेशन, विश्व विरासत माने जाने वाले स्थानों का प्रबंधन साथ ही उपकरणों, सिगनल और पटरियों से संबंधित सामग्री, डिजिटल इंडिया – डिजिटल रेल अभियान, रेलवे विरासत का इंटरनेट के जरिये विश्व में प्रचार-प्रसार।
इंटैक, सी-डैक (सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), गूगल आर्ट एवं कल्चर, यूनेस्को, अहमदाबाद विश्वविद्यालय का संरक्षण प्रबंधन केंद्र इत्यादि प्रतिष्ठित संस्थाओं के विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में विभिन्न पहलुओं की जानकारी देने के लिये मौजूद थे। रेलवे के अधिकारी जो कि संरक्षण प्रबंधन के लिये विशेष तौर पर प्रशिक्षित नहीं होते हैं उन्होंने इस सत्र को जानकारी बढ़ाने वाले सत्र के तौर पर सराहा।
फुटनोट
विजयनगरम स्टेशन के 117 वर्ष पुराने प्रतीक्षालय का विरासत संरक्षण तरीके से पुनरुद्धार मात्र 4 महीनों में…सफेद चूना हटाकर और पत्थरों को साफ कर पालिश किया गया साथ ही विरासत वाले दीपदानों और ग्रिल का भी काम किया गया।