वनडे सीरीज में जिम्बॉब्वे के हाथों मिली करारी हार के बाद आखिरकार श्रीलंका क्रिकेट टीम को खुशी नसीब हुई है। एकलौते टेस्ट मैच में मेजबानों ने जिम्बॉब्वे को चार विकेट से हरा दिया, वो भी विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए। श्रीलंका को दूसरी पारी में जीत के लिए 388 रन का लक्ष्य मिला था, जिसे उन्होंने छह विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।
इसी के साथ एकमात्र मैच की ये टेस्ट सीरीज भी मेजबान टीम के नाम रही। असेला गुणरत्नने को मैन ऑफ द मैच और रंगना हेराथ को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। इससे पहले कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम पर हुए मैच में जिम्बॉब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था।
क्रेग इरविन के लाजवाब शतक (160 रन, 256 गेंद) के दम पर जिम्बॉब्वे ने पहली पारी में 356 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका ने भी पहली पारी में 346 रन बनाए। इसमें उपुल थरंगा (71 रन), दिनेश चांडीमल (55 रन), असेला गुणरत्ने (45 रन) का अहम योगदान रहा। जिम्बॉब्वे की ओर से ग्रीम क्रीमर ने पांच विकेट चटकाए। जिम्बॉब्वे की दूसरी पारी में सिकंदर रजा ने 127 रन की पारी खेली और टीम का स्कोर 377 रन तक पहुंचा दिया। मैल्कम वॉलर ने 68 रन और क्रीमर ने 48 रन का योगदान दिया। श्रीलंका को मैच जीतने के लिए 388 रन का लक्ष्य मिला, जो किसी भी टेस्ट मैच की चौथी पारी में चेज करने के लिए बड़ा था।
ऐसे में मेजबान टीम ने बेहतर रणनीति के साथ बल्लेबाजी की। सभी बल्लेबाजों ने अहम योगदान दिए। दिमुथ करुणारत्ने ने 49 रन, कुशाल मेंडिस ने 66 रन, निरोशान डिकवेला ने 81 रन और असेला गुणारत्ने ने नाबाद 80 रन की पारी खेली। असेला ने मैच में कुल 125 रन बनाए, जिसके दम पर वो मैन ऑफ द मैच रहे। वहीं मैन ऑफ द सीरीज रहे रंगना हेराथ ने पहली पारी में पांच, जबकि दूसरी पारी में छह विकेट चटकाए।
ये श्रीलंका में लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। टेस्ट मैच की चौथी पारी में ये श्रीलंका के लिए भी दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। वहीं टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ये तीसरा मौका है, जब चारों पारियों में स्कोर 300-400 रन के बीच रहा।