नई दिल्लीः स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 (सॉफ्टवेयर संस्करण) का ग्रैंड फाइनल 30 एवं 31 मार्च, 2018 को देश भर के 28 नोडल केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा। इसकी घोषणा आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की गई। मंत्री महोदय ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विश्व की सबसे बड़ी राष्ट्र निर्माण डिजिटल पहल है और इसकी अवधारणा हमारे देश के विकास के लिए मेधावी युवकों की रचनात्मकता और ऊर्जा का दोहन करने के लिए बनाई गई है।
श्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकथन-2017 की शानदार सफलता के बाद हमने स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 संस्करण पर कार्य आरंभ कर दिया है। मंत्री महोदय को उम्मीद थी कि छात्रों द्वारा सुझाए गए समाधान विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में सहायक होंगे। इस वर्ष की पहल में सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर दोनों ही संस्करण हैं और इसमें राज्यों की प्रतिभागिता भी शामिल है। उन्होंने सूचना दी कि स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 के लिए हमें 27 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों तथा 17 राज्य सरकारों से प्रतिभागिता प्राप्त की है जिन्होंने 900 से अधिक समस्या विवरण भेजे हैं। इन समस्या विवरणों की जांच करने के बाद, 408 समस्याओं (सॉफ्टवेयर के लिए 340 एवं हार्डवेयर के लिए 68) को अंतिम रूप से हैकथन के लिए चयनित किया गया और उन्हें माईगॉव प्लेटफॉर्म पर डाल दिया गया है।
मंत्री महोदय ने बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 के लिए हमें लगभग एक लाख इंजीनियरिंग, प्रबंधन एवं एमसीए के छात्रों की प्रतिभागिता के साथ 17,400 से अधिक टीमें प्राप्त हुई हैं। इन प्रविष्टियों की जांच की गई एवं अब 1296 प्रविष्टियों का ग्रैड फाइनल के लिए चयन किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 में दो प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं-सॉफ्टवेयर हैकथन एवं हार्डवेयर हैकथन। सॉफ्टवेयर हैकथन प्रतिस्पर्धा का अंतिम राउंड 30 एवं 31 मार्च, 2018 को पूरे 36 घंटों तक देश भर के 28 नोडल केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा जबकि हार्डवेयर हैकथन प्रतिस्पर्धा का आयोजन जून 2018 में किया जाएगा।
लगभग 8000 छात्र सूचीबद्ध 340 सॉफ्टवेयर समस्याओं का समाधान देने का प्रयास करेंगे। पिछले वर्ष की ही तरह प्रत्येक केंद्र पर विभिन्न वर्गों के लिए पुरस्कार जीते जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, मानव संसाधन विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए डीएसटी के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है कि स्मार्ट इंडिया हैकथन-2018 से चुनी गईं टीमें को र्स्टाट अप के रूप में टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर्स (टीबीआई) द्वारा समर्थित हों और डीएसटी ने बहुत सकारात्मक रूप से इन प्रयासों की दिशा में प्रतिक्रिया जताई है।
स्मार्ट इंडिया हैकथन-2017 का विवरण देते हुए श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथन (2017) पहल के पहले संस्करण में 29 केंद्रीय मंत्रालयों से 598 समस्या विवरण प्राप्त हुए थे। इन समस्या विवरणों को माईगॉव वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया था और सभी तकनीकी संस्थानों के छात्रों को पूरे भारत में कार्यशालाओं में भाग लेने को लेकर सुग्राही बनाया गया था।
इसके परिणामस्वरूप, 7500 टीमों ( कुल 40,000 से अधिक छात्र, प्रति टीम छह छात्र तथा दो मेंटर) ने आवेदन दिया। इन प्रविष्टियों की विशेष रूप से उद्योग जगत से जुड़े 200 से अधिक मूल्यांकन कर्ताओं की सहायता से जांच की गई थी और अंत में 1 और 2 अप्रैल, 2017 को ग्रैंड फाइनल के लिए 1168 टीमों का चयन किया गया।
1 अप्रैल, 2017 की शाम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा छात्रों को संबोधित किया और उन्हें देश के लिए काम करने को प्रोत्साहित किया।
एआईसीटीई ने फैसला किया है कि अगर संबंधित मंत्रालय परियोजनाओं को दिशानिर्देश देने के लिए तैयार है और यह आश्वासन देता है कि इन परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा तो वह सभी टीमों को अपने खुद के बजट से अनुदान का भुगतान करने को तैयार है।
15 मार्च, 2018 को मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह ने व्यक्तिगत रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा 15 टीमों से बात की और इन परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति और कार्यक्रम की समीक्षा की। संबंधित प्रगति संतोषजनक पाई गई।