23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचेश्वर बांध परियोजना के बारे में सम्बंधित जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए: मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचेश्वर बांध परियोजना के बारे में सम्बंधित जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए: मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी
उत्तराखंड

देहरादून: मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचेश्वर बांध परियोजना के बारे में सम्बंधित जिलाधिकारियों से समयबद्ध रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। बताया कि राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना लगातार मानिटरिंग भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होने वन विभाग, राजस्व विभाग, पंचायतीराज विभाग और पंचेश्वर डैम एथार्टी डेवलपमेंट द्वारा संयुक्त निरीक्षण करने की तिथि जल्द तय करने के निर्देश दिए। प्रभावित जनपद चंपावत के जिलाधिकारी ने बताया कि जन सुनवाई की तिथि 9 अगस्त को तय की गई है। पिथौरागढ़ की जन सुनवाई 11 अगस्त और अल्मोड़ा की 17 अगस्त 2017 तय की गई है। मुख्य सचिव ने इसके लिए कम से कम वन भूमि का प्रमाणपत्र, बांज वृक्ष प्रभावित न होने, वन्य जीव अभयारण्य, राष्ट्रीय पार्क और परियोजना विशेष स्थल पर होने का प्रमाणपत्र जल्द से तैयार कर लें। मुख्य सचिव ने सभी कार्यों के लिए टाइम फ्रेम तय करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि 5040 मेगावाट क्षमता की पंचेश्वर बांध परियोजना का निर्माण काली नदी पर नेपाल और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रुप से किया जाना है। परियोजना के भूमि अधिग्रहण, डूब क्षेत्र सर्वेक्षण, पर्यावरण प्रभाव आकलन, पर्यावरणीय प्रबंधन योजना आदि के लिए उपमहाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों को नामित किया गया है। पंचेश्वर बहुद्देशीय परियोजना का निर्माण महाकाली और सरजू नदियों के संगम स्थल से नदी के बहाव में 25 किमी नीचे पंचेश्वर बांध परियोजना (48000 मेगावाट) का निर्माण होना है। इस परियोजना से 27 किमी नीचे की ओर रुपालीगाड बांध परियोजना (240 मेगावाट) का निर्माण होना है। पंचेश्वर बांध का निर्माण 29,483 करोड़ रुपए और रूपालीगाड बांध का निर्माण 3,625 करोड़ रुपए से प्रस्तावित है। इससे उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा जनपद प्रभावित होंगे। इन जनपदों के 122 गांव के 29436 परिवार प्रभावित होंगे। रुपालीगाड़ बांध परियोजना से चंपावत जिले के 11 गांव के 1587 परिवार प्रभावित होंगे। परियोजना से 7678 मि.यू. और रुपालीगाड बांध से 1438 मि.यू. बिजली उत्पादन का अनुमान है। इससे भारत को 259000 हेक्टेयर और नेपाल को 170000 हेक्टेयर सिंचाई का अतिरिक्त लाभ होगा। शारदा नदी में आने वाली बाढ़ पर भी नियंत्रण होगा, जिससे 90 करोड़ रुपए का लाभ होगा। उत्तराखंड को इन परियोजनाओं से 12 प्रतिशत (302 मेगावाट) निःशुल्क रायल्टी उर्जा के रूप में और स्थानीय विकास कोष के लिए 1 प्रतिशत (25 मेगावाट) निःशुल्क ऊर्जा प्राप्त होगी।

बैठक में प्रभारी सचिव ऊर्जा राधिक झा, अपर सचिव उर्जा रणवीर सिंह चैहान, नोडल अधिकारी विनीत पांगती, एमडी यूजेवीएनएल एसएनवर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More