लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वृक्षारोपण में शिथिलता बरतने पर श्री पी0के0 शर्मा मुख्य वन संरक्षक आगरा तथा श्री विभाष रंजन वन संरक्षक आगरा को निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं। इन अधिकारियों पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को गम्भीरता से न लेने के आरोप हंै। इस प्रकरण में आगरा के प्रभागीय वनाधिकारी श्री ललित वर्मा को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि टी0टी0जेड0 (ताज ट्रपीजीयम जोन) के वृक्षारोपण कार्यक्रम में लापरवाही बरतने पर वनाधिकारियों के प्रति गम्भीर रुख अपनाते हुए निलम्बन के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा है कि वृक्षारोपण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शिथिलता, लापरवाही तथा भ्रष्टाचार क्षम्य नहीं होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के सम्यक अनुपालन के लिए तत्काल एक कार्य योजना भी बनाए जाने के निर्देश दिए गये हैं। इस कार्य योजना के अनुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पी0सी0सी0एफ0) द्वारा वृक्षारोपण हेतु आवंटित समस्त धनराशि उपलब्ध कराने के साथ ही तीन समितियों का गठन किया गया है। यह समितियां वृक्षारोपण हेतु भूमि के चिन्हीकरण, प्रकरण के सभी बिन्दुओं की जांच तथा वन क्षेत्र अतिक्रमण की गहन जांच का काम करेंगी।
वृक्षारोपण के लिए भूमि के चिन्हीकरण के लिए गठित दो सदस्यीय समिति के चेयरमैन टी0टी0जेड0 आगरा/आयुक्त आगरा, मण्डल आगरा तथा वन संरक्षक, आगरा वृत्त आगरा सदस्य होंगे। समस्त बिन्दुओं की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय समिति के सदस्य चेयरमैन टी0टी0जेड0 आगरा/आयुक्त आगरा, मण्डल आगरा तथा श्री वी0के0 सिन्हा अपर प्रमुख वन संरक्षक, कार्य योजना, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश लखनऊ होंगे। वन क्षेत्र अतिक्रमण की गहन जांच के लिए भी दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी, आगरा एवं श्री ए0के0 द्विवेदी, मुख्य वन संरक्षक/नोडल अधिकारी उत्तर प्रदेश, लखनऊ इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
8 comments