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वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था कमजोर हो और औद्योगिक विकास से बेरोजगारी बढ़ रही हो तो ऐसे समय में विकेंद्रीकृत, वितरित, विविध नवाचार आधारित उद्यम का गांधीवादी मॉडल ही सबसे अच्‍छा रास्‍ता: राष्‍ट्रपति‍

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्‍ट्रप‍ति श्री प्रणब मुखर्जी ने को राष्‍ट्रपति भवन में नवाचार महोत्सव’ के पहले दिन 9वें राष्‍ट्रीय द्विवार्षिक जमीनी स्‍तर पर नवाचार और उत्‍कृष्‍ट परंपरावादी ज्ञान पुरस्‍कार का वितरण किया। ‘ नवाचार महोत्सव’ सप्‍ताह भर चलेगा।

इस मौके पर राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि वैश्विक आर्थिक व्‍यवस्‍था अभी कमजोर है और उभरती हुई आर्थिक व्‍यवस्‍था में भी औद्योगिक वृद्धि की प्रकृति बेरोजगारी पैदा करने वाली है। इस परिदृश्‍य में विकेंद्रीकृत, वितरित और विविध नवाचार पर आधारित उद्यम ही आने वाले दिनों की समस्‍याओं को हल करने का सर्वश्रेष्‍ठ रास्‍ता है। गांधी जी हमेशा आधुनिक विज्ञान और तकनीक के साथ सामुदायिक ज्ञान और संस्‍थाओं के तालमेल बैठाने के पक्षधर थे। आज के संदर्भ में उनका संदेश बहुत ही प्रासंगिक हो गया है।

उन्‍होंने कहा कि समावेशी नवाचार के साथ पारिस्थितिकी को समृद्ध बनाने के लिए निजी और सार्वजनिक प्रणाली को जमीनी नवाचार का प्रबल समर्थक बनाने की जरूरत है। और इसे हमें न सिर्फ अपने देश के लिए करने की जरूरत है, बल्कि पूरे विश्‍व के लिए। देश में अनूपम नवाचार पारिस्थितिकी का उभार भारत के लिए उपयुक्‍त साबित हो रहा है। इस दिशा में सरकार और सिविल सोसायटी द्वारा कई कदम उठाए गए हैं और अभी अनेक  कदम उठाए जाने की जरूरत है। देश में जमीनी स्‍तर और समावेशी नवाचार की दिशा में समारोह की भावना पैदा करने के लिए राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित सप्‍ताह भर चलने वाला नवाचार प्रदर्शनी नवाचार महोत्‍सव बन गया है।

उन्‍होंने कहा‍ कि बच्‍चों में वैज्ञानिक उत्‍सुकता की भावना को पैदा करना बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। हमें उनकी जिज्ञासा और रचनात्‍मकता को बढ़ावा देना चाहिए। हम सब को उन्‍हें कुछ नया करने में मदद करनी चाहिए। देश स्‍टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्‍वच्‍छ भारत जैसे पहलों का लाभ लेने के लिए तैयार है। नवाचार कर्मियों के विचार तभी वास्‍तविक बदलाव ला सकते हैं जब हम और सभी संस्‍थाएं अपनी –अपनी भूमिका देश में संवेदनशीलता और  सृजनशीलता के लिए मिल कर काम करेंगे।

पुरस्‍कार पाने वाले विजेताओं की सूची संलग्‍न है।   

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