नई दिल्ली: नवाचार को आर्थिक विकास और प्रगति का केन्द्रीय वाहक माना जाता है। वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) का उद्देश्य नवाचार के बहु आयाम के पक्ष को हासिल करना है। भारत की रैंकिंग नवाचार सूचकांक में 81 वें स्थान (2015 में) से सुधर कर 66 वें स्थान पर पहुंच गई है। भारत की रैंकिंग में यह सुधार लगातार 5 वर्ष की रैंकिंग गिरावट के बाद आया है। नवाचार और रचनात्मकता में भारत की रैकिंग बेहतर होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर नवाचार कार्य दल का गठन किया गया था।
नवाचार कार्य दल का काम नवाचार देशों में भारत की स्थिति का आकलन करना और भारत के नवाचार पारिस्थितिक तंत्र को सुधारने के लिए युक्तियां सुझाना था ताकि जीआईआई में भारत की रैंकिंग में सुधार संभव हो सके। इस टीम में सरकारी अधिकारियों और निजी संस्थानों के विशेषज्ञों तथा शैक्षणिक समुदाय ने मिलकर भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए विशिष्ट युक्तियों के साथ रिपोर्ट दी।
रिपोर्ट में 2016 की जीआईआई रिपोर्ट के सभी 82 सूचकों को ध्यान रखते हुए भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए सिफारिश और सुझावों का उल्लेख किया गया था। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मॉडलों को भी चुना गया, कार्यक्रम और योजनाओं को भी अपनाया गया तथा भारत की स्थिति में सुधार के लिए विशेष सूचक पर भी जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, जीआईआई-2016 में इस्तेमाल पद्धति का भी विश्लेषण इस रिपोर्ट में किया गया है।
‘वैश्विक नवाचार सूचकांकः भारतीय परिदृश्य’ पर रिपोर्ट यहां से डाउनलोड की जा सकती हैः
http:/dipp.nic.in/reports/task-force-innovation-report-global-innovation-index-indian-perspective