रुद्रप्रयाग: सतेराखाल में शराब की दुकान खोले जाने की भनक लगते ही क्षेत्र की महिलाएं और युवा ठेके के विरोध में सड़कों पर उतरे क्षेत्र में शराब की दुकान न खोले जाने को लेकर एक शिष्टमण्डल पहले भी प्रशासन से वार्ता कर चुका था।
विरोध प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि शराब की दुकान न खोलने की मांग को लेकर एक शिष्टमण्डल जिला प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता कर चुका है। लेकिन उसके वाबजूद भी शराब की दुकान खोलने का प्रयास किया जा रहा है। क्षेत्रीय जनता में आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्र में शराब की दुकान किसी भी कीमत पर दुकान बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
गौरतलब है कि चार दिन पहले रुद्रप्रयाग जनपद के ही तल्लानागपुर के चोपता बाजार में आक्रोशित महिलाओं ने शराब की दुकानों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। यहीं नहीं दुकानों से शराब की पेटियों को सड़क पर पटककर जमकर तोड़फोड़ की थी। पूरे उत्तराखण्ड में एक बार फिर शराब विरोधी आंदोलन जोर पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। महिलाओं के आंदोलन की आड़ में कई अराजक तत्व भी सक्रिय हो गये हैं। वे महिलाओं के साथ होकर अनावश्यक रूप से हिंसा को भड़काने भी प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन को ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। ऐसे लोग किसी कीमत अपने मंसूबों में कामयाब न हो पाये। महिलाओं का आंदोलन संभव अहिंसक होता है। लेकिन जब अराजक तत्व इनके बीच घुस जाते हैं। तब ये महिलाओं को आंदोलन में साथ देने का झांसा देकर अराजकता पर उतर आते हैं।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में सुषमा देवी, बबिता देवी, देवेश्वरी देवी, मुन्नी देवी, सरिता रावत, पुष्प सजवाण, चन्द्रकला देवी, रोशनी देवी, माहेश्वरी देवी, उषा देवी, पीताम्बरी देवी, सतेश्वरी बर्तवाल, पुष्पा देवी, प्रेमा देवी, पार्वती देवी, अनीता देवी, रीना देवी, शांति देवी, गम्भीर सिंह बिष्ट, दीपक नेगी, दीक्षराज रावत, मोहन सिंह, भागचन्द, दीपेंद्र बर्तवाल आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।