नई दिल्ली: गत 4 जुलाई को तेजपुर स्थित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) इकाई के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के तीन बहादुर वायु योद्धा अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों में उनके हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए।
सह-पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट पी के सिंह और फ्लाइट गनर सार्जेंट आर वाई गुजर इस चालक दल (एयरक्रू) के अन्य सदस्यों में शामिल थे और वे भूस्खलन-प्रभावित नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के मिशन से जुड़े हुए थे।
अरुणाचल प्रदेश के एक पुलिस कांस्टेबल, जो बतौर यात्री इस हेलीकॉप्टर पर सवार थे, की भी मृत्यु इस दुखद दुर्घटना में हो गई।
इसी दुर्भाग्यपूर्ण दिन इस चालक दल ने 169 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
ढिल्लों अपने दोस्तों के बीच प्यार से ‘मैंडी’ के नाम से जाने जाते थे और लोगों की जिंदगी बचाना उनके जीवन एवं पेशे का अभिन्न अंग था। इस तरह के दया भाव वाले मिशन पर बतौर स्वयंसेवी कार्य करने से वह कभी भी संकोच नहीं करते थे। इसी ‘होवरिंग एन्जिल्स’ इकाई में उनके इस हुनर को और भी ज्यादा बेहतरीन बनाया गया था। यह संयोग से उनकी पहली परिचालन इकाई थी और दुर्भाग्यवश उनकी अंतिम परिचालन इकाई भी रही।
पिछले साल 19 मई को तवांग सेक्टर में एक पहाड़ी के ऊपर उड़ान मिशन के दौरान जब उन्हें पता चला कि तवांग जाने वाली सड़क पर एक वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण सेना के कई जवान घायल हो गए हैं तो वे स्वेच्छा से उनकी मदद के लिए आगे आ गए। हेलीकॉप्टर से छोटी-छोटी दूरी की कई उड़ानें भरकर वे 13 घायल सैनिकों को जसवंतगढ़ से खिरमू तक ले गए, जो एक हेलिपैड है और जहां घायल सैनिकों को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।
अकेले एएलएच पर 1,200 कैप्टन ऑवर्स सहित लगभग 4,000 घंटों के कुल उड़ान अनुभव के साथ ढिल्लों अत्यधिक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलटों में से एक थे। वह एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक, एक एयरक्रू परीक्षक और एक इंस्ट्रूर्मेंट रेटिंग प्रशिक्षक और परीक्षक थे। केवल कुछ ही योग्य लोग उनकी पेशेवर उत्कृष्टता के समकक्ष थे।
वह सहज रूप से मानवीय, नि:स्वार्थ, विनम्र और दयालु आत्मा थे।
होवरिंग एन्जिल्स के पूर्ववर्ती कमोडोर कमांडेंट और वर्तमान में मुख्यालय पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ अधिकारी-प्रभारी-प्रशासन एयर वाइस मार्शल मानवेंद्र सिंह उस समय ढिल्लों के पहले कमांडिंग ऑफिसर थे जब वह जनवरी 2000 में यूनिट में शामिल हुए थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘मैंडी अत्यंत तेज दिमाग वाले नए अधिकारियों में से एक थे। कुछ ही समय में उन्होंने परिचालन दर्जा सफलतापूर्वक हासिल कर लिया था।’ उन्होंने कहा कि मैंडी के निधन से भारतीय वायुसेना को अपूरणीय क्षति हुई है।
विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लों की अंतिम अरदास पटियाला में उनके निवास पर आज से शुरू होकर दो दिनों में विधिपूर्वक संपन्न हो जाएगी। कई लोग सोशल मीडिया पर भी दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
शहीद मनदीप सिंह ढिल्लों के पिता स्क्वाड्रन लीडर पी एस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने अंतिम अरदास में शिरकत करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया है।