नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका इस्तेमाल दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति आज यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोहों के उद्घाटन के अवसर पर छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्कूल और कॉलेज युवा मस्तिष्क को आकार प्रदान करने, चरित्र को ढालने और मूल्य आधारित सही शिक्षा देने में बदलाव की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य साक्षरता और शिक्षा की मजबूत नींव पर निर्भर करता है। छात्रों को मजबूत नैतिक और मूल्य आधारित शिक्षा देने के अलावा शिक्षा व्यापक संकल्पना, बुद्धि को तेज करने, विश्लेषण संबंधी कौशल को मस्तिष्क में बैठाने, सृजनात्मकता सुधारने, नये-नये अविष्कारों के बारे में सोचने और एक समग्र दृष्टिकोण विकसित करने में मदद कर सकती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की कुल आबादी की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। देश के विकास में तेजी लाने के लिए उन्हें अधिकार संपन्न बनाना महत्वपूर्ण है। जैसा कि अक्सर कहा जाता है : ‘यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं, तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं।’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी देश निरक्षरता, लिंग असमानता, भ्रष्टाचार, जातिवाद और शहरी-ग्रामीण विभाजन जैसी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब-जब भारतीय महिलाओं को अवसर प्रदान किए गए हैं, उन्होंने अनेक क्षेत्रों में उच्च मानक कायम किए हैं और साबित कर दिया है कि वह अपने पुरुष सहयोगियों से कम नहीं है। सबसे नवीनतम उदाहरण अवनी चतुर्वेदी का है, जो लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने माता-पिता, अपनी मातृभाषा, मातृभूमि, जन्म के पैतृक स्थान और गुरु को नहीं भूलें, जो आपके चरित्र और करियर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। याद रखें कि गूगल आपको सूचना प्रदान कर सकता है लेकिन आपके गुरु का स्थान नहीं ले सकता, जो आपको शिक्षा प्रदान करता है।