नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षा सबसे ताकतवर हथियार है इसमें दुनिया को बदलने की क्षमता है। वे आज अमरावती में वैल्लोर तकनीकी संस्थान के आंध्रप्रदेश परिसर के उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चन्द्रबाबू नायडू, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. कामिनेनी श्रीनिवास और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान विद्या के मंदिर हैं और जो भी यहां प्रवेश करता है उसे गुरुओं के आदर के साथ-साथ समूची शिक्षा प्रक्रिया के प्रति समर्पण और अनुशासन का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा में अध्यापक का सर्वाधिक पूज्यनीय स्थान है। श्री नायडू ने कहा कि आज भले ही छात्र गूगल पर एक क्लिक से सारी जानकारी हासिल कर सकते हों लेकिन गुरू का स्थान गूगल कभी नहीं ले सकता।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा मुक्ति, ज्ञान, सशक्तिकरण, रोजगार और सहानुभूति के लिए होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बदलाव का शाक्तिशाली वाहक बनना चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि तकनीक तेजी से बदली रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को सिर्फ भविष्य से ही उम्मीद रखने की आवश्यकता नहीं है बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तकनीक विकसित करने की भी जरूरत है।
उप राष्ट्रपति ने कहा भारत की 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है जो कि देश के लिए लाभ की स्थिति है। उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों को उनकी ऊर्जा को सही दिशा देने का कार्य करना चाहिए।
उप राष्ट्रपति ने कहा वीआईटी का अर्थ भले ही वैल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हो लेकिन उन्हें आशा है कि वीआईटी का आंध्र प्रदेश कैंपस अपने यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए वी से विजन, आई से इनोवेशन, टी से ट्रांसफॉरमेशन साबित होगा।