नई दिल्ली: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि केन्द्र सरकार श्रम कानूनों में सुधार लाने का कार्य कर रही है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन में सभी राज्य सरकारों का सहयोग आवश्यक है। जयपुर में पश्चिम क्षेत्र के राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जटिल कानूनों को सरल बनाने से निवेश और रोजगार बढेगा, साथ ही श्रमिक कल्याण में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भारत में मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया और डिजीटल इण्डिया से देश में निवेश, रोजगार के अवसर और कार्यकुशल श्रम शक्ति में बढोतरी हुई है और भारत विश्व की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए रजिस्टरों व आवेदन पत्रों का सरलीकरण किया जा रहा है। ई-शासन सुधारों पर भी केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा बल दिया जा रहा है और इसमें श्रम सुविधा पोर्टल रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण साधन के रूप में सामने आया है। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में श्री दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गत तीन वर्षों में सर्वाधिक बिल संसद में पारित कराए गए।
राजस्थान सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ0 जसवन्त सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में राजस्थान में किए जा रहे श्रम सुधारों एवं नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने औद्योगिक विवाद अधिनियमों में वर्ष 2014 में ही बदलाव किया था जिससे रोजगार सृजन में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक वातावरण श्रमिकों के अनुकूल बन रहा है और प्रदेश में औद्योगिक शान्ति विद्यमान है। डॉ0 जसवन्त सिंह ने बताया कि प्रदेश में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचना तैयार की गई है जो जल्दी ही जारी की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में 46000 से अधिक लाइसेंस ऑन लाइन जारी किए गए हैं।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री सम्भा जी पटिल निलंगेकर ने बताया कि उनकी प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और श्रमिकों के परिवारों व अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में औद्योगिक हड़ताल न हों इसके लिए श्रमिकों को साथ लेकर नीति का निर्माण किया जा रहा है और जल्द ही नासिक सम्भाग को नो स्ट्राइक सम्भाग घोषित किया जाएगा।
एक दिन चले इस क्षेत्रीय सम्मेलन में पशिचमी क्षेत्र के राज्यों गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, दादरा व नगर हवेली, राजस्थान और दमन व दीव के श्रम मंत्रियों व प्रमुख सचिवों, श्रम मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। केन्द्रीय श्रम सचिव श्रीमती एम सत्यवती ने स्वागत संबोधन में सम्मेलन के उद्देश्यों की जानकारी दी। सम्मेलन में श्रम सुधारों के सरलीकरण, श्रम कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, न्यूनतम श्रम दरों, कर्मचारी प्रॉविडेन्ट फण्ड, आदि सम्बन्धित विषयों पर पश्चिमी राज्यों द्वारा चर्चा की गई।