देहरादून: प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में श्रीनगर एन.आई.टी. के स्थाई एवं अस्थाई परिसरों के निर्माण कार्याें के सम्बन्ध बैठक की।
बैठक में एन.आई.टी. के सुमाड़ी, श्रीनगर गढ़वाल में स्थित स्थाई परिसर को लेकर यूपीसीएल, पेयजल विकास एवं निर्माण निगम, तकनीकी शिक्षा व एन.आई.टी. के अधिकारियों के साथ बैठक में दो महीने के भीतर पेयजल व्यवस्था, विद्युतीकरण व आन्तरिक सड़कों के निर्माण सम्बन्धी कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने एन.आई.टी. के स्थाई परिसर में पेयजल व्यवस्थाओं के लिए 22.54 करोड़ तथा विद्युतीकरण के लिए 8.18 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इसके अलावा स्थाई परिसर आन्तरिक सड़कें भी राज्य सरकार बनायेगी, जिसकी डीपीआर तैंयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। जबकि फिलहाल एन.आई.टी. के अस्थाई कैंपस के लिए श्रीनगर में आई.टी.आई. के भवन व रेशम विभाग की भूमि को अस्थाई रूप में आवंटित कर दी गयी है। यहाँ पर 78 करोड़ रू. की लागत से अस्थाई कैंपस का निर्माण किया जायेगा। डाॅ. रावत ने कहा कि एन.आई.टी. स्थापना में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक का विशेष सहयोग रहा है। जिससे प्रदेश को दो साल के भीतर एन.आई.टी. का स्थाई कैंपस मिल जायेगा।
बैठक में एन.आई.टी. के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह ने बताया कि सुमाड़ी में स्थाई कैंपस के निर्माण के लिए लगभग एक हजार करोड़ रू. की डीपीआर भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेज दी गयी है। जिसके स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जायेगा। यूपीसीएल के प्रबन्ध निदेशक बी.सी.के. मिश्रा ने बताया कि लगभग 8.18 करोड़ की लागत से सुमाड़ी परिसर में विद्युतीकरण की व्यवस्था की जायेगी। जिसके लिए सुमाड़ी में ही एक विद्युत सबस्टेशन भी स्थापित किया जायेगा। पेयजल विकास एवं निर्माण निगम के मुख्य अभियन्ता बी.सी.पुरोहित ने बताया कि राज्य सरकार ने सुमाड़ी परिसर में पेयजल व्यवस्थाओं के लिए लगभग 22.54 करोड़ की स्वीकृति मिल गयी है, शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
श्रीनगर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों पाबौं, पैठाणी व थैलीसैंण में उपभोक्ताओं को समय पर बिजली के बिल प्राप्त न होने की शिकायत पर राज्य मंत्री डाॅ0 रावत ने यूपीसीएल के प्रबन्ध निदेशक को विद्युत बिल यथा समय उपलब्ध कराने, थैलीसैंण में उप खण्ड कार्यालय स्थापित करने व क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को और सुदृढ़ किये जाने के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में डाॅ0 रावत ने पेयजल निगम के अधिकारियों को जल-जीवन मिशन के तहत पाबौं में प्रस्तावित योजना घर-घर में नल, हर नल में जल योजना को यथाशीघ्र शुरू करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल बी.सी.के.मिश्रा, एन.आई.टी. के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह, मुख्य अभियन्ता पेयजल वी.सी. पुरोहित, निदेशक तकनीकी शिक्षा हरिसिंह, संयुक्त सचिव तकनीकी शिक्षा डाॅ. मुकेश पाण्डेय, ई.ई. यूपीसीएल श्रीनगर वाई.एस.तोमर, ई.ई. शिशिर श्रीवास्तव एवं उप निदेशक तकनीकी शिक्षा सुरेश कुमार आदि अधिकारी मौजूद थे।