नई दिल्लीः केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी कल नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की उपस्थिति में महिला हिंसा के खिलाफ बहु क्षेत्रवार कार्रवाई को सुदृढ़ बनाने में सखी वन स्टॉप केंद्र की भूमिका पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगी। इस कार्यशाला का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है। इस दो दिवसीय कार्यशाला में करीब 400 सखी वन स्टॉप केंद्रों के पदाधिकारी एवं देश भर के 33 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास राज्य विभाग के नोडल अधिकारी भाग लेंगे।
केंद्र प्रशासकों एवं परामर्शदाताओं एवं संबंधित अधिकारियों के वर्ग में वन स्टॉप केंद्र के पदाधिकारियों के लिए यह पहल देश भर में सखी वन स्टॉप केंद्रों के जरिये महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने से संबंधित बहु क्षेत्रवार कार्रवाई को सुदृढ़ बनाने के उपायों को समझने, उन पर चर्चा करने और विचार विमर्श करने से जुड़ी है।
मंत्रालय ने 4 मार्च, 2015 को हिंसा से प्रभावित महिलाओं की मदद करने के लिए वन स्टॉप केंद्र (ओएससी) की स्थापना की योजना को स्वीकृति दी है। सखी के रूप में लोकप्रिय इस योजना का कार्यान्वयन 1 अप्रैल, 2015 से किया जा रहा है। इस योजना का लक्ष्य चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी मदद/केस प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक परामर्श समेत एकीकृत सेवाएं प्रदान करना एवं हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अस्थायी समर्थन सेवाएं उपलब्ध कराना है।
इस योजना के तहत, देश भर में चरणबद्ध तरीके से ओएससी की स्थापना की परिकल्पना की गई है। पहले चरण में, प्रति राज्य/ संघ शासित प्रदेश एक केंद्र को स्वीकृति दी गई। बाद में, दूसरे चरण में, 150 केंद्रों को अनुमोदन दिया जा रहा है। हाल ही में, मंत्रालय द्वारा 50 अतिरिक्त, केंद्रों को स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में, 32 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों में 168 ओएससी परिचालन में हैं। अभी तक केंद्रों में लगभग 70,000 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने में ओएससी योजना के महत्व के बारे में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगी। इसके अतिरिक्त, वह प्रतिभागियों से योजना के कार्यान्वयन के दौरान उनके सामने आने वाली समस्याओं तथा परामर्श संबंधी फीडबैक भी लेंगी।
मंत्रालय केंद्रों में गुणवत्ता सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी प्रयास कर रहा है। इस राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्वेश्य ओएससी में गुणवत्ता सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु ओएससी में बहु क्षेत्रवार कार्रवाई को सुदृढ़ बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों, ओएससी पदाधिकारियों के व्यवहारिक अनुभवों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्वों पर विचार करने, मानक परिचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल आदि को समझने के लिए सभी राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों से मिली सीख एवं अनुभवों को एक साथ लाना है।
दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में पांच राज्य- छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, नागालैंड एवं उत्तर प्रदेश ओएससी के सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को प्रस्तुत करेंगे। राज्य मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड (सीएसडब्ल्यूबी) भी परिवार परामर्श केंद्र (एफसीसी) की भूमिका एवं ओएससी के साथ इसके संपर्कों को लेकर एक प्रस्तुति भी देंगे।