नई दिल्लीः केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने हिंसा को रोकने के लिए बहु क्षेत्रीय प्रतिक्रिया व्यवस्था को मज़बूत करने में ‘सखी वन स्टॉप केन्द्र’ की भूमिका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का नई दिल्ली में उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से किया गया है। दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर के 33 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के राज्य महिला एवं बाल विकास विभागों के करीब 400 सखी वन स्टॉप केन्द्र कर्मी और नोडल अधिकारी भाग ले रहे हैं।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि वन स्टॉप केन्द्र योजना हिंसा प्रभावित महिलाओं की रक्षा एवं मदद करने की दिशा में अत्यंत कारगर पहल है। इस योजना के महत्व को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि ओएससी (वन स्टॉप केन्द्र) केन्द्रों को पूर्ण पेशेवर एवं कुशल तरीके से चलाया जा रहा है और केन्द्र में आने वाली संकटग्रस्त महिलाओं के साथ पूर्ण सहानुभूति बरती जाए। उन्होंने आगे कहा कि, इन ओएससी केन्द्रों का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को सुरक्षित एवं खुशहाल माहौल उपलब्ध कराना है। मंत्री ने कहा कि पहले वन स्टॉप केन्द्र की शुरुआत छत्तीसगढ़ के रायपुर में की गई थी, और कुछ ही समय में यह केन्द्र तनवाग्रस्त महिलाओं के लिए एक जीवनरेखा बन गया। तब से लेकर, देशभर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में ओएससी केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है। मंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन केन्द्रों की कार्यशैली और केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारियों में क्षमता निर्माण की नियमित रूप से निगरानी कर रहा है। मंत्रालय इन केन्द्रों के साथ विभिन्न श्रेणियों में जुड़े नर्सों अथवा मनोचिकित्सकों अथवा वकीलों अथवा पुलिसकर्मियों के लिए एक उच्चस्तरीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित करेगा। उन्होंने ओएससी के प्रशासकों से आग्रह किया कि वे केन्द्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों और परेशानियों के बारे में नियमित रूप से मंत्रालय को अपनी प्रतिक्रिया भेजें ताकि निर्धारित समयसीमा में उनका समाधान निकाला जा सके।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने भी वन स्टॉप केन्द्र योजना के महत्व पर प्रकाश डाला और इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों से निपुणता के साथ कार्य करने का आह्वान किया, ताकि देशभर की लाखों पीड़ित महिलाओं को राहत पहुंचाई जा सके।
दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन देशभर में कार्यरत वन स्टॉप केन्द्रों की गुणवत्ताओं में सुधार करने और केन्द्रों को अधिक मज़बूत बनाने के उद्देश्य से किया गया है। कार्यशाला के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ काम करने और काम के दौरान आने वाली चुनौतियों और दुविधाओं से मिली सीख के विनिमय के लिए वर्तमान प्रथाओं की समीक्षा करना।
- वीएडब्ल्यू के समाधान के लिए विशिष्ट विभागों के प्रॉटोकॉल और कार्य योजना पर चर्चा करना।
- स्वास्थ्य, गृह विभाग, डीएलएसए, एसएलएसए नामक कानूनी विभाग और महिला एवं बाल विभाग तथा अन्य हितधारकों जैसे विभिन्न प्रासंगिक विभागों के बीच कामकाज के कंवर्जेंस मॉडल को मज़बूत एवं प्रोत्साहित करना।
- पीड़ित/हिंसा से बचे लोगों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा मुहैया कराने के लिए समूह कार्य सत्र के ज़रिए सेवा आपूर्ति मॉडल विकसित करना।
- निर्भया डैशबोर्ड की शुरुआत करना – एक वास्तविक समय आधारित ओएससी और महिला हेल्पलाइन डाटा देखरेख प्रणाली।
- विभिन्न राज्य/संघ शासित प्रदेशों के बीच ओएससी की कार्यप्रणाली की बेहतर व्यवस्थाओं से आपस में सीखने की प्रणाली विकसित करना।
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