नई दिल्ली: केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय मामलों के मंत्री श्री अनंत कुमार ने आज यहां पेट्रोरसायन एवं डाउनस्ट्रीम प्लास्टिक प्रसंस्करण
उद्योग में प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए सातवें राष्ट्रीय पुरस्कार (2016-17) प्रदान किये। रसायन एवं उर्वरक, शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया इस अवसर पर सम्मानित अतिथि थे।
रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग (डीसीपीसी) के अधीनस्थ एक स्वायत्तता प्राप्त संगठन केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) को पेट्रोरसायन क्षेत्र एवं डाउनस्ट्रीम प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग में प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की योजना क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सातवें राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 415 नामांकन प्राप्त हुए और अन्तत: वर्ष 2016-17 के लिए 16 नामांकनों का चयन विजेताओं के रूप में और 7 नामांकनों का चयन उप-विजेताओं के रूप में किया गया।
श्री अनंत कुमार ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रसायन एवं पेट्रोरसायन और प्लास्टिक उद्योग ने इस वर्ष लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है और इसके साथ ही इस उद्योग ने विमुद्रीकरण के बाद अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाने के सभी दावों को गलत साबित कर दिया है।
इस अवसर रसायन एवं पेट्रोरसायन सचिव श्री अनुज कुमार बिश्नाई, आर्थिक सलाहकार सुश्री रंजना काले और सिपेट के डीजी डॉ. एस. के. नायक भी उपस्थित थे।
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