नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री हसंराज गंगाराम अहीर ने देश में वाम चरमपंथ (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित जिलों में मोबाइल संयोजकता से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। एलडब्ल्यूई चरण-1 परियोजना के तहत स्वीकृत कुल 2355 मोबाइल टावरों में से 2329 मोबाइल टावर लगा दिये गये हैं।
महाराष्ट्र, उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्यों में बैंडविड्थ का मुद्दा है जिससे उन राज्यों में कॉल ड्रॉप और लिमिट संयोजकता की समस्या है। दूरसंचार आयोग पहले चरण में उपग्रह टावर के लिए 2 एमबीपीएस तक उन्नतिकरण को पहले ही मंजूरी दे चुका है जो 89 करोड़ रुपये की लागत से वीसैट पर हैं।
श्री अहीर ने बीएसएनएल को प्राथमिकता के आधार पर 35 बुरी तरह प्रभावित जिलों में बैंडविड्थ के उन्नतिकरण का काम तेज करने और 1 महीने के अंदर 2 एमबीपीएस की क्षमता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि बीएसएनएल मौजूदा मोबाइल टावरों का अध्ययन करायेगी और जिन ग्राम सभाओं में ऑप्टिकल फाइबर केबल पहुंचा है वहां माइक्रो वेव अपनायेगी और इस बारे में एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी।
इन 35 जिलों में संयोजकता पर जोर देते हुए श्री अहीर ने कहा कि इन क्षेत्रों में जवानों के लिए मोबाइल संयोजकता काफी महत्वपूर्ण हैं ताकि वे अपने परिवार के संपर्क में रह सकें और इससे सीएपीएफ कर्मियों में तनाव से जुड़ी समस्याओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।
एलडब्ल्यूई चरण 2 परियोजना के तहत दूरसंचार आयोग ने 2जी और 4जी संयोजकता वाले 4072 मोबाइल टावरों की मंजूरी दे दी है। इस पर कुल लागत 7330 करोड़ रुपये आएगी जिसमें अगले पांच साल तक का संचालन खर्च भी शामिल है।