नई दिल्लीः केन्द्रीय ऊर्जा तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह ने आज यहां संचालन और रखरखाव पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन–भारतीय ऊर्जा प्रतिष्ठान 2018 का उद्घाटन किया। मंत्री ने एनटीपीसी को ऊर्जा क्षेत्र में भारत की पहली बहुराष्ट्रीय कम्पनी बनने, विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक बनने तथा विदेशों में संयंत्र लगाने का आग्रह किया। श्री सिंह ने आगे कहा कि पड़ोसी देशों में सस्ते ऊर्जा निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।
मंत्री महोदय ने कहा कि श्रीलंका, म्यामांर, नेपाल और बांग्लादेश ऊर्जा निर्यात के संभावित बाजार हैं, जहां बिजली की प्रति इकाई दर बहुत ऊंची है। मंत्रालय, ऊर्जा मांग का आकलन करने तथा निर्यात अवसरों की पहचान करने के लिए पड़ोसी देशों में टीमें भेजेगा।
सरकार के लक्ष्य, सभी के लिए 24×7 ऊर्जा के संदर्भ में श्री सिंह ने कहा कि यदि आप ऊर्जा क्षेत्र को देखे तो आप पायेंगे कि ऊर्जा की मांग में कमी आई है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा आपूर्ति से जुड़ा हुआ नहीं है। हम लोगों ने अभी शुरूआत की है और हम 2 अंकों की विकास दर प्राप्त करने वाले हैं। क्षमता में जो अधिकता दिखाई पड़ती है, वह मांग में वृद्धि के साथ कम हो जाएगी। मांग में वृद्धि होगी, परन्तु इसमें कुछ रूकावटें हैं। हमें कोयले की कमी नहीं है, लेकिन इसे जमीन से निकालने और इसे ऊर्जा संयंत्रों तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना होगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि जब देश के सभी बिजली संयंत्र अपने पीएलएफ का 70-80 प्रतिशत उत्पादन करेंगे तो कोई भी संयंत्र संकट में नहीं होगा। बिजली संयंत्रों के संकट में आने के दो कारण हैं- पहला, इन संयंत्रों को आवश्यकता के अनुसार कोयला नहीं मिल पा रहा है और दूसरा, मांग में वृद्धि नहीं हो रही है।
श्री सिंह ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा की कम दर से बाजार में गलत संदेश जा रहे हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि नवीकरणीय ऊर्जा को दूसरे ऊर्जा स्रोतों से संतुलन बनाने की आवश्यकता है। यह संदेश लोगों और बिजली वितरण कम्पनियों तक पहुंचना चाहिए।
इस अवसर पर ऊर्जा सचिव श्री अजय कुमार भल्ला तथा मंत्रालय व एनटीपीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।