नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने देश में सामुदायिक रेडियो के विकास के रोडमैप (खाका) पर विचार-विमर्श करने के लिए आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यीक्षता की। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन राठौर भी उपस्थित थे।
श्री नायडू ने अपने आरंभिक संबोधन में देश में सामुदायिक रेडियो के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में समिति के सदस्यों को जानकारी दी। उन्होंलने कहा कि मंत्रालय ने हाल ही में सामुदायिक रेडियो स्टेयशनों की स्थांपना के लिए सब्सिडी राशि को पूर्वोत्तर राज्यों में 50 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी और अन्या राज्यों में इसे बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है, जिसके लिए अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये तय की गई है। संचार के एक प्रभावकारी माध्यम के रूप में सामुदायिक रेडियो के साधन को बढ़ावा देने के उद्देश्यए से ही सब्सिडी में बढ़ोतरी की गई है।
एक संचार माध्य्म के रूप में सामुदायिक रेडियो की अहमियत के बारे में जानकारी देते हुए श्री नायडू ने कहा कि यह स्थांनीय भाषा/बोलियों में लोगों की सूचना संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिहाज से एक उपयोगी साधन है। सामुदायिक रेडियो (सीआर) केंद्र विभिन्नज मसलों पर ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं जो समुदाय के लिए काफी प्रासंगिक माने जाते हैं और इसके साथ ही ये शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, स्वाेस्य्सन , पोषण से जुड़े माहौल, सामाजिक कल्याण, पंचायती राज से जुड़े मुद्दों और सांस्कृेतिक जरूरतों से संबंधित सूचनाओं का प्रचार-प्रसार करके विकास में सहायक साबित होते हैं।
श्री नायडू ने कहा कि सामुदायिक रेडियो में समुदाय स्तफर पर अत्यंत महत्व पूर्ण सामाजिक बदलाव लाने की असीम क्षमता है। ये केंद्र ग्रामीण सशक्तिकरण के साथ-साथ दलितों एवं महिलाओं के उत्थाीन के लिए भी एक सशक्तण साधन के रूप में काम करते हैं।
श्री नायडू ने ‘उगाडी’ के शुभ अवसर पर संसद के सम्मामनित सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उगाडी वसंत के आगमन और गर्म मौसम की शुरुआत को रेखांकित करता है, जो दक्षिण भारत के अनेक हिस्सों में नव वर्ष के शुभारंभ का परिचायक होता है। खुशी का यह उत्सव विकास एवं समृद्धि को प्रतिबिंबित करता है और नव वर्ष से जुड़े समस्त त्योहारों की भांति ही यह उत्सव भी नये उद्यमों की शुरुआत का अवसर प्रदान करता है।
समिति के सदस्यों ने सामुदायिक रेडियो के विकास के लिए मंत्रालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए संचार के इस साधन की पहुंच के साथ-साथ इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्हों ने देश में सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थाूपना की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ-साथ इसे दुरुस्त करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
मंत्रालय की ओर से अपर सचिव द्वारा एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें देश में सामुदायिक रेडियो क्षेत्र का अवलोकन पेश किया गया। समिति के सदस्यों को देश में सामुदायिक रेडियो के विकास को सुविधाजनक बनाने में मंत्रालय की उपलब्धियों एवं इसके विभिन्नो कदमों के बारे में जानकारी दी गई।
इस बैठक में अनेक सांसदों ने भी भाग लिया जिनमें श्री मनोज कुमार तिवारी, श्री विवेक गुप्ताअ, श्रीमती देव (मुनमुन सेन) वर्मा, श्री हरिवंश, श्री मधुसूदन मिस्त्री , श्री प्रभात झा और नीरज शेखर शामिल हैं। सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अजय मित्त ल और मंत्रालय के वरिष्ठज अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।