रूद्रप्रयाग: मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा श्री केदारनाथ में गतिमान पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में आयुक्त गढ़वाल मण्डल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, प्रधानाचार्य एन.आई.एम. जे, आर्किटेक्ट विशेषज्ञ सहित लो.नि.वि. एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव द्वारा केदारनाथ मंदिर के पीछे (शंकराचार्य समाधि स्थल) आस-पास मलवा एवं बोल्डर्स को हटवाने के साथ ही मंदिर के पीछे भूमि को आगामी यात्रा से पूर्व विकसित कर तीर्थ यात्रियों के बैठने हेतु पार्क विकसित करने के लिये जे.एस.डब्लू. के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये गये। सरस्वती नदी संगम से केदारनाथ मंदिर मार्ग के निरीक्षण के दौरान 50 फिट चैड़े पैदल मार्ग का सुदृढीकरण कर आगामी यात्रा से पूर्व मंदिर के दृश्य अक्ष को ध्यान में रखते हुए लो0नि0वि0 के अधिकारियों को आर्किटेक्ट के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिये गये। मुख्य सचिव द्वारा सरस्वती नदी के किनारे बनाये जा रहे घाट निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया एवं समयान्तर्गत तथा गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये।
मुख्य सचिव द्वारा सी0सी0टी0वी0 कैमरों के निरीक्षण उपरान्त जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया कि सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से केदारनाथ धाम में गतिमान पुनर्निर्माण कार्यों की प्रभावी माॅनेटरिंग तथा ड्रोन कैमरा स्थापित करना सुनिश्चित करें। साथ ही केदारनाथ धाम में नोडल अधिकारी केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया । मुख्य सचिव द्वारा केदारनाथ से गरूड़चट्टी तथा गरूडचट्टी से रामबाडा तक के ट्रेक मार्ग के संबंध मंे पूछने पर सहायक अभिंयंता डी0डी0एम0ए0 द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में उक्त मार्ग के सर्वे का कार्य गतिमान है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर रिपोर्ट प्रेषित कर दी जायेगी। इस संबंध मंे मुख्य सचिव द्वारा रामबाडा से केदारनाथ तक के सम्पूर्ण ट्रैक मार्ग का निर्माण कराये जाने हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया। साथ ही केदारनाथ में बनाये जाने वाले शंकराचार्य समाधि का डिजाईन तत्काल तैयार किये जाने हेतु आर्किटेक्ट को निर्देशित किया गया। मुख्य सचिव द्वारा सभी कार्य पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए कराये जाने हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक कार्य में पर्यावरण विशेषज्ञ की सलाह लेकर पुर्ननिर्माण कार्य सम्पादित कराये जायें, इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा मंदिर के चैड़ीकरण में बद्री केदार समिति की जो भोगशाला बाधा उत्पन्न कर रही है उसे अन्यत्र स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये गये। साथ ही संगम के सामने जहां से केदारनाथ मंदिर का स्पष्ट दृश्य दिखायी दे उस स्थान पर एक छत्र भी स्थापित करने हेतु निर्देश दिये गये।