नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जर्मनी के बर्लिन में चल रही दसवीं विश्व आहार एवं कृषि सभा के दौरान 20 जनवरी 2018 को आयोजित कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसमें पशुपालन, दुग्ध उत्पादन एवं मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. ओ. पी. चौधरी, और डीएसीएफडबल्यू के निदेशक एच.के. सुआन्थांग भी शामिल थे।
पशुओं के भविष्य को दिशा देना – जिम्मेदारी भरे, कुशल और स्थायी तरीके से, इस विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में 69 कृषि मंत्रियों के साथ-साथ 6 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी शामिल हुये जिसमें एफएओ, विश्व व्यापार संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिये विश्व संगठन (ओआईई) के प्रमुख भी शामिल हैं।
मंत्रियों ने विश्व की बढ़ती जनसंख्या को पशुपालन के जरिये पर्याप्त, सुरक्षित, पोषक और सस्ता आहार उपलब्ध करवाने और इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये एक आधिकारिक विज्ञप्ति भी जारी की।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने दुग्ध, मांस और कुक्कुट और पशु कल्याण एवं रोग नियंत्रण के क्षेत्र में भारत के प्रभावशाली प्रदर्शन का उल्लेख किया। श्री शेखावत ने पशुपालन एवं कृषि दोनों ही क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिये भारत के प्रयासों पर भी जोर दिया और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये विकसित देशों से समानता के सिद्धांत जो कि साझा लेकिन क्षमता के आधार पर अलग-अलग जिम्मेदारियों के वहन के सिद्धांत पर आधारित है का पालन करने का आह्वान किया।
श्री शेखावत ने इस यात्रा का उपयोग तीन अलग देशों – जर्मनी, अर्जेण्टीना और उज़बेकिस्तान के कृषि मंत्रियों के साथ प्रतिनिधिमंडल सहित बैठक करने के लिये भी किया।
अपने जर्मन समकक्षों के साथ दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सभी तरह के रिश्तों की समीक्षा की। श्री शेखावत ने भारतीय चावल के निर्यात पर ट्रॉइसॉइक्लाजोल की 0.01 मि.ग्रा./कि.ग्रा. की अधिकतम अवशिष्ट मात्रा को यूरोपियन संघ द्वारा मनमाने ढंग से लागू करने के मामले को भी शीघ्र सुलझाने के लिये जर्मनी के मंत्री से अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने यूरोपियन संघ द्वारा डिजिटल फॉइटोसैनिटरी प्रमाणपत्र को नहीं स्वीकार करने का विषय भी उठाया। इसके उत्तर में जर्मनी के मंत्री ने भारत द्वारा प्रमाणपत्रों के डिजिटलीकरण के संबंध में भारत द्वारा की गयी प्रगति की प्रशंसा की और यूरोपीय संघ के संबंधित प्राधिकारी के साथ व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को उठाने का भरोसा दिया।
उज़बेकिस्तान के कृषि एवं जल प्रबंधन मंत्री श्री ज़ोयर मीरज़ायेव के साथ बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री ने अपने समकक्ष कृषि क्षेत्र में भारत की प्राथमिकताओं की जानकारी दी और कहा कि कृषि उपकरण, कौशल विकास औऱ कृषि उपज के अवशिष्टों का प्रबंधन जैसे विषय भावी सहयोग के क्षेत्र हो सकते हैं।
दोनों मंत्रियों ने व्यापार बढ़ाने के संभावित उत्पादों जैसे मूंग दाल जैसी वस्तुओं पर और साथ ही एक दूसरे के देश में उपलब्ध निवेश के अवसरों पर भी चर्चा की। चर्चा को आगे बढ़ाते हुये दोनों मंत्रियों ने उज़बेकिस्तान के स्टॉल पर आयोजित विविध प्रदर्शनियों का भी दौरा किया।
श्री शेखावत ने अर्जेण्टीना के कृषि मंत्री डॉ. लुइस मिगुएल एचेवहेरे से भी मुलाकात की और परस्पर हित के क्षेत्रों जिसमें कृषि उत्पाद जैसे फल, सब्जियों और मांस का व्यापार शामिल है पर चर्चा की। मंत्री महोदय ने कृषि क्षेत्र के मशीनीकरण में अर्जेण्टीना द्वारा अर्जित सफलता में भारत की रुचि भी जाहिर की। उन्होंने भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप इन तकनीकों को ढालने के क्षेत्र में सहयोग की आकांक्षा प्रकट की साथ ही भारत में भण्डारण से संबंधित नुकसान को कम करने के लिये सीलो बैगों के उत्पादन के लिये तकनीक हासिल की।
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