नई दिल्ली: भारत ने एक तिहाई नये मलेरिया के मामले कम किये हैं और 2020 तक के मलेरिया मृत्यु दर के लक्ष्य को पार कर लिया है। यह बात केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज यहां ‘‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया उन्मूलन के प्रयास बढ़ाने’ विषय पर उच्च स्तरीय बैठक में कही। श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि अपने क्षेत्रीय बोझ के लगभग तीन चौथाई हिस्से के साथ भारत ने सफलतापूर्वक पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के मलेरिया के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर दक्षिण-एशिया क्षेत्र के देशों के स्वास्थ्य मंत्री, प्रतिनिधि देशों के प्रमुख, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह और डब्ल्यूएचओ की उप-महानिदेशक डॉ. सौम्य स्वामीनाथन भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री नड्डा ने कहा कि यह सफलता राजनैतिक नेतृत्व तथा भारत में स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मिले समर्थन के कारण मिली है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की प्रेरणा सरकार के सर्वोच्च कार्यालय से मिलती है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का विजन है कि प्रौद्योगिकी के नवीनतम नवाचार तथा विज्ञान का इस्तेमाल कर वे हमारे देश के दूरस्थ कोने तक स्वास्थ्य और विकास देखना चाहते हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि देश में अधिकतर मलेरिया के मामले सीमावर्ती जिलों, जंगल और जनजातिय क्षेत्रों में होते हैं, जबकि देश के शेष इलाकों में से अधिकतर मलेरिया मुक्त हैं। इसलिए भारत की व्यापक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए मलेरिया न केवल एक समस्या है, बल्कि इसे एक समान रूप से दूर करना होगा।
मलेरिया के उन्मूलन की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए श्री नड्डा ने कहा कि सीमावर्ती जिलों और स्थानीय प्राधिकरणों को सूचना, उपकरण तथा जानकारी देने से भारत और इसके पड़ोसी देशों में मलेरिया की बीमारी के मामले कम करने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अनुसंधान और विज्ञान के केन्द्र के रूप में भारत मलेरिया अनुसंधान कार्यान्वयन के साथ ही स्वास्थ्य अनुसंधान में क्षमता निर्माण में सहायता करेगा।
बैठक में श्री जे.पी. नड्डा ने ‘अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर मलेरिया नियंत्रण की चुनौती से निपटना’ नामक पुस्तक का विमोचन किया और क्षेत्रीय कार्य योजना (2017-2030) का अनावरण किया।
मलेरिया पर नियंत्रण और उन्मूलन के लिए प्रयास बढ़ाने के संयुक्त राष्ट्र आम सभा के प्रस्ताव के अनुरूप ‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया उन्मूलन’ पर यह तीन दिवसीय मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई है।
इस बैठक में मलेरिया के विरूद्ध एशिया प्रशांत नेताओं का गठबंधन, एशियाई विकास बैंक के प्रतिनिधि, एड्स, टीबी और मलेरिया का मुकाबले के लिए गठित वैश्विक कोष, मलेरिया उन्मूलन के लिए रणनीतिक सलाहकार समूह के सदस्य और विभिन्न विकास साझेदार उपस्थित थे।