नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने अपने मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का विषय “सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के तहत अनुसूचित जाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / वृद्ध व्यक्तियों / नशा मुक्ति कल्याण के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों के लिए अनुदान” था। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले और श्री विजय सांपला भी इस बैठक में उपस्थित थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री थावर चंद गहलोत ने समिति के सदस्यों को एनजीओ के माध्यम से अनुसूचित जाति / ओबीसी / वृद्ध व्यक्तियों और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए पिछले कुछ वर्षों के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की गई अनेक पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बारे में एनजीओ के प्रयासों की सराहना की लेकिन कुछ एनजीओ की गलत गतिविधियों के बारे में चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि एनजीओ को उनके मंत्रालय द्वारा दिये जा रहे अनुदान की निगरानी एक सतत प्रक्रिया है। उनके मंत्रालय ने दोषी एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने पारदर्शिता पर जोर दिया और यह बताया कि ये कल्याणकारी योजनाएं हमारे समाज में जरूरतमंद व्यक्तियों तक कैसे पहुंचती हैं।
बैठक के दौरान, निम्नलिखित चार प्रस्तुतीकरण दिए गए: (1) अनुसूचित जाति प्रभाग (2) पिछड़ा वर्ग प्रभाग; (3) सामाजिक रक्षा विभाग (नशीली दवाओं का रोकथाम विभाग और वरिष्ठ नागरिक प्रभाग और (4) नेशनल ट्रस्ट के अधीन अनुसूचित जाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / वृद्ध व्यक्ति / नशा मुक्ति कल्याण के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के तहत काम कर रहे एनजीओ को अनुदान।
इस बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में श्री हरिओम सिंह राठौड़, श्री के.एच. मुनियप्पा, डॉ. (श्रीमती) ममताज संघमिता, श्रीमती वसंती एम (सभी लोकसभा) श्री अहमद हसन, श्री अशोक सिद्धार्थ, श्री केएम सोमप्रसाद (सभी राज्यसभा) शामिल थे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सचिव श्रीमती जी लता कृष्णा राव और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।