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श्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्व कौशल आबू धाबी-2017 के विजेताओं के लिए पुरस्कार की घोषणा की

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नई दिल्ली: विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिस्‍पर्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 14 से 19 अक्‍टूबर तक होने वाले विश्व कौशल अंतर्राष्‍ट्रीय आबू धाबी-2017 कार्यक्रम में शामिल होने वाली भारत की जीवंत टीम को शुभकामनाएं दी हैं।

प्रतिभागी विशिष्‍ट वैश्विक मंच पर 26 श्रेणियों में भारत का प्रतिनिधित्‍व करेंगे जिसमें से प्रत्‍येक श्रेणी में प्रतिस्पर्धी, विशेषज्ञ और आवश्‍यक दुभाषिये की टीम होगी। इस वर्ष 70 से अधिक देशों के लगभग 1200 प्रतिभागियों के बीच 50 कौशल में प्रतिस्‍पर्धा होगी।

एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में मंत्री महोदय ने स्‍वदेश लौटने पर प्रतिस्‍पर्धा के विजेताओं के लिए पुरस्‍कारों की घोषणा भी की।

विश्‍व कौशल प्रतिस्‍पर्धी स्‍वर्ण  10 लाख रुपये
रजत 8 लाख रुपये
कांस्‍य 6 लाख रुपये
पदक 2  लाख रुपये
विश्‍व कौशल विशेषज्ञ स्‍वर्ण 4 लाख रुपये
रजत 3 लाख रुपये
कांस्‍य 2 लाख रुपये
पदक 1 लाख रुपये

टीम को शुभकामनाएं देते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘भारत छठी बार विश्‍व कौशल में प्रतिभागिता कर रहा है और मुझे विश्‍वास है कि इस बार भारत सभी श्रेणियों में अपना स्‍थान बनायेगा। हमारा प्रयास कौशल आकांक्षी तैयार करने और हमारे देश के युवाओं को वैश्विक तथा राष्‍ट्रीय मंचों पर प्रतिस्‍पर्धा का अवसर प्रदान करना है, जहां वे अपनी प्रतिभा को साबित कर सकते हैं। यह गर्व की बात है कि देश के विभिन्‍न क्षेत्रों की युवा प्रतिभाएं आबू धाबी में विश्‍व कौशल-2017 में भारत का प्रतिनिधित्‍व कर रही हैं। ये कौशल चैंपियन विश्‍व भर के सर्वश्रेष्‍ठ साथियों के साथ प्रतिस्‍पर्धा करेंगे। मैं टीम को विश्‍व कौशल आबू धाबी-2017 में सफलता हासिल करने की शुभकामनाएं देता हूं।’

‘हमें कौशल भारत अभियान को बढ़ावा देने की आवश्‍यकता है और मैं अधिक से अधिक युवाओं को इन उपलब्‍ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहता हूं।’

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों की ऊर्जा से प्रोत्‍साहित होकर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में सचिव डॉ. के. पी. कृष्‍णन ने कहा, ‘मैं उन सभी युवा मित्रों को दिल से बधाई देता हूं, जिन्‍हें विश्‍व कौशल के वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्‍व करने का सम्‍मान मिला है। तथ्‍य यह है कि विश्‍व कौशल जैसे मंचों पर कौशल विकसित करने और आकांक्षी तैयार करने की आवश्‍यकता है जिस पर प्रधानमंत्री ने भी अपने प्रत्‍येक भाषण में बल दिया था। यह विश्‍व कौशल मंच, कौशल ओलंपिक की तरह है जिससे देश के युवाओं को अपने देश के इस लक्ष्‍य को हासिल करने का प्रोत्‍साहन मिलता है।’

उन्‍होंने कहा, ‘इस प्रतिस्‍पर्धा से उनका अनुभव बढ़ेगा और वे अपने क्षेत्र के बेहतर तरीके तथा कौशल सीखेंगे, जिससे उनके अधिक कुशल व्‍यक्ति बनने में मदद मिलेगी और इसी प्रक्रियाओं का पालन कर अंत में वे निपुण कारीगर बनेंगे। ये युवा चैंपियन आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्‍त्रोत होंगे। मैं बेहतर परिणामों की कामना करते हुए टीम को शुभकामनाएं देता हूं।’

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने पिछले दो वर्षों में क्षेत्रीय और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कई प्रतिस्‍पर्धाएं आयोजित कर सभी प्रतिस्‍पर्धियों को चिन्हित किया था। इसके बाद सभी प्रतिभागियों ने उन औद्योगिक साझेदारों से व्‍यापक प्रशिक्षण प्राप्‍त किया, जिन्‍होंने प्रतिस्‍पर्धा के पहले उनके कौशल में सुधार लाने में मदद की। बड़ी संख्‍या में प्रतिस्‍पर्धियों ने अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर उपलब्‍ध श्रेष्‍ठ प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और प्रशिक्षण लेने के लिए विदेशों की भी यात्रा की।

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