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श्री नितिन गडकरी ने कोचीन शिपयार्ड की 970 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होनेवाली अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा की आधारशिला रखी

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्लीः केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा जल संसाधन एवं नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोचीन, वैश्विक जहाज मरम्मत का केन्द्र बनने के लिए तैयार है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की 970 करोड रूपये की लागत से निर्मित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा की आधारशिला रखने के बाद वे आज कोचीन में इस अवसर पर उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित कर रहे थे। यह सुविधा कोचीन पोर्ट ट्रस्ट में निर्मित की जा रही है, जहां सीएसएल ने 40 एकड़ भूमि पट्टे पर दी है।

अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा केंद्र आधुनिकतम तकनीक से सुसज्जित होगा, जो छोटे और मध्यम आकार के जहाजों की अधिकांश संख्या को परिचालित करने में सक्षम होगा। सीएसएल 130 मीटर x 25 मीटर की  आकार वाले एक लिफ्ट प्रणाली का निर्माण करेगा, जो 6 हजार टन की भार क्षमता को उठाने में सक्षम होगा। इसमें 6 कार्य-स्टेशन होंगे। यह सुविधा 85 जहाजों को मरम्मत कर पाएगी और इस प्रकार सीएसएल अपनी मरम्मत क्षमता को दो गुना कर लेगा।

अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक जहाज मरम्मत बाजार में भारत के हिस्से को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 6 हजार नौकरियों का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त राज्य में कई अनुषांगिक इकाईयों की स्थापना होगी। इससे रोजगार और अर्थव्यवस्था में गुणात्मक बदलाव होगा।

श्री गडकरी ने कोचीन में जहाज मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘बिल्ड द शिप-2017’ सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन जहाज निर्माण, जहाज डिजाइन, जहाज मरम्मत और समुद्री सहायक उद्यमों के विकास के लिए किए गए एक अध्ययन की अनुसंशाओं पर आधारित है।

इस सम्मेलन में मंत्री महोदय ने समुद्री और जहाज निर्माण के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर फॉर एक्सेलेंस इन मेरीटाइम एण्ड शिप बिल्डिंग) के स्थापना की घोषणा की। सीईएमएस के मुम्बई और विशाखापट्टनम में परिसर होंगे। इसे सीमेंस के सहयोग से जहाजरानी मंत्रालय सागरमाला कार्यक्रम के तहत निर्मित कर रहा है। सीईएमएस पोर्ट और समुद्री क्षेत्र में छात्रों की इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता का विकास करेगा। इस सुविधाओं से जहाजों के निर्माण, डिजाइन, परिचालन और प्रबंधन के क्षेत्र में घरेलू जरूरतों की मांग भी पूरी की जा सकेगी। यह संस्थान दक्षिण एशिया में एक अंतरराष्ट्रीय नोडल केंद्र बनना चाहता है, जहां श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया जैसे देशों के छात्रों को आकर्षित किया जा सके। पोर्ट और समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास के लिए इंडोनेशिया यह पहल समुद्री क्षेत्र में मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया के प्रयासों को भी जोड़ देगा। आज कोचीन के लॉन्च समारोह में श्री गडकरी ने सीईएमएस के लोगो का भी अनावरण किया।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड सीएसएल और एचडीपीईएल-हुगली का एक संयुक्त उद्यम है। एचसीएल में सीएसएल और एचडीपीईएल की हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत है। सम्मेलन के दौरान सीएसएल और एचडीपीईएल के बीच एक समझौता हुआ। इसके तहत सीएसएल कोलकाता में एचडीपीईएल की निर्माण सुविधाओं का अधिग्रहण कर लेगा। इस प्रकार सीएसएल कोलकाता की समुद्री विरासत को पुनर्जीवित करेगा और मजबूती प्रदान करेगा।

श्री गडकरी ने आज मन्नार का दौरा किया, जहां उन्होंने बोडेमट्टू से मन्नार तक एनएच 85 के नवीनीकरण की आधारशिला रखी। 42 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना की अनुमानित लागत 380.76 करोड़ रुपये है।

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