नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन तथा राजमार्ग, शिपिंग व जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में पहली राजमार्ग क्षमता नियम पुस्तिका जारी की। इस नियम पुस्तिका का नाम इंडो-एचसीएम है। इसे सीएसआईआर-सीआरआरआई ने तैयार किया है। इसके लिए सीएसआईआर-सीआरआरआई ने सड़कों (एक लेन, दो लेन और बहु लेन), शहरी सड़कों तथा एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक के गुणों का देश स्तर पर विस्तृत अध्ययन किया है। इस अध्ययन में 7 शैक्षणिक संस्थान शामिल थे – आईआईटी रूडकी, मुम्बई और गुवाहाटी, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली, इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड साइंस एंड टेक्नॉलाजी, शिवपुर, सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी, सूरत तथा अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई।
नियम पुस्तिका में विभिन्न प्रकार की सड़कों तथा चौराहों का विस्तार करने व संचालन करने से संबंधित दिशा-निर्देश दिये गए हैं। नियम पुस्तिका सड़क निर्माण में लगे इंजीनियरों तथा नीति निर्माताओं को मार्गदर्शन प्रदान करेगी। नियम पुस्तिका को तैयार करने में भारतीय सड़कों पर ट्रैफिक की विविधता को ध्यान में रखा गया है। अमेरीका, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान जैसे विकसित देशों में राजमार्ग क्षमता नियम पुस्तिका का बहुत पहले से ही उपयोग किया जा रहा है। भारत में पहली बार इस पुस्तिका को विकसित किया गया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री नितिन गडकरी ने कहा कि बहु प्रतीक्षित नियम पुस्तिका देश में सड़क अवसंरचना के विकास तथा योजना निर्माण में सहायता प्रदान करेगी। वैज्ञानिक समुदाय, डिजाइन बनाने वालों, नीति निर्माताओं तथा राजमार्ग परियोजनाओं से जुड़े लोगों का आह्वान करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि अवसंरचना विकास में भारत को जल्द से जल्द विश्व की सबसे आधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता है, ताकि हम ऐसी विश्व स्तरीय अवसंरचना का विकास कर सकें जो सुरक्षित, सस्ती व पर्यावरण अनुकूल हो। श्री गड़करी ने सड़क निर्माण में फ्लाई एस, प्लास्टिक, ऑयल स्लैग और घरेलू कचरे का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया।