नई दिल्लीः केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी 09 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में ‘वृहद जल परिवहन प्रणाली के लिए अधिक मोटाई वाले पाइपों के इस्तेमाल’ विषय पर आयोजित होने वाली एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन मंत्रालय के तत्वावधान में वाप्कोस और राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी द्वारा किया जा रहा है।
भारत में पारंपरिक रूप से जल परिवहन नहर प्रणाली के जरिए किया जाता है। ऐसी प्रणालियों की आपूर्ति क्षमता 35 से 60 प्रतिशत की रहती है। पाइपों के जरिए जल परिवहन को अधिक पसंद किया जा रहा है, क्योंकि ऐसी प्रणालियों से जल परिवहन की क्षमता बढ़कर 70 से 80 प्रतिशत तक हो जाती है। कम भूमि में ही पाइपों के जरिए जल परिवहन की व्यवस्था की जा सकती है इसलिए इससे लागत कम करने में भी मदद मिलती है। इससे चोरी और वाष्पोत्सर्जन के कारण होने वाली जल की हानि भी कम होने के साथ ही यह दूषित भी काफी कम होता है। यह प्रणाली विशेष रूप से जल भराव वाले क्षेत्रों में काफी उपयोगी है। बड़े पैमाने पर जल परिवहन के लिए अधिक मोटाई वाले पाइपों का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के लिए पूरे शहर या सिंचाई के लिए जल आपूर्ति हेतु।
कार्यशाला में जल परिवहन के लिए अधिक मोटाई वाली पाइपलाइनों के इस्तेमाल की योजना बनाने, डिजाइन तैयार करने, इस्तेमाल में आने वाली सामग्री, निर्माण पहलुओं, संचालन और प्रबंधन तथा इससे संबंधित अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कार्यशाला में विनिर्माण कंपनियां, जल परिसंपत्ति प्रबंधन से जुड़े संगठन, इंजीनियरिंग विशेषज्ञ, केंद्र और राज्य सरकारों एवं निजी कंपनियों के जल संसाधन विभाग जैसे महत्वपूर्ण हितधारक शामिल होंगे। कार्यशाला में भारतीय और विदेशी विशेषज्ञ अपने पेपर भी प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला में पारंपरिक जल परिवहन प्रणाली, वृहद जल परिवहन प्रणाली में गैर पारंपरिक विधियों का इस्तेमाल और अधिक मोटाई वाले पाइपों की योजना बनाना, डिजाइन तैयार करना और प्रबंधन विषय पर तीन तकनीकी सत्र होंगे।