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श्री पीयूष गोयल कल अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसियों की भागीदारी से प्रत्‍यक्ष भू-विज्ञानी क्षमता पर बहुसंवेदी वायु भू-भौतिकीय सर्वे का उद्घाटन करेंगे

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नई दिल्ली: केन्‍द्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल कल 07 अप्रैल, 2017 को नई दिल्‍ली के कंस्‍टीटयूशन क्‍लब में प्रत्‍यक्ष भू-विज्ञानी क्षमता (ओजीपी) पर वायु भू-भौतिकी सर्वेक्षण का उद्घाटन विडियों कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से करेंगे। वायु भू-भौतिकी डाटा संग्रह के लिए  न्‍यूजीलैंड से मंगाये गये भू-भौतिकी संसरो से लैस दो विमान डॉक्‍टर बाबा साहेब आम्‍बेडकर हवाई अड्डा, नागपुर से लॉच किए जाएंगे। यह विमान सेवा प्रदाताओं के कंसोर्टियम के हैं और इन्‍हें ईआंएन जियो साइंसेज कंपनी कनाडा तथा किवी एयर लिमिटेड न्‍यूजीलैंड की साझेदारी में मेसर्स मेक्‍फॉर इंटरनेशनल (भारत) द्वारा प्रदान किये गये हैं।

      चुनी गई दो एजेंसियां हेलिका (इटली) की साझेदारी वाली मेसर्स साइंटिफिक प्रोडेक्‍शन सैंटर जियो केन्‍द्र लिमिटेड लाइबिल्‍टी पार्टनरसिप (कजाकिस्‍तान) और सिकोन प्राइवेट लिमिटेड (भारत) और मैसर्स आईआईसी टेक्‍नॉलोजिज लिमिटेड (भारत) कनाडा की जियो फिजिक जीपीआर इंटरनेशनल और कनाडा की ही गोल्‍ड डेक एयर कार्न सर्वे के साथ अप्रैल 2017 के तीसरे सप्‍ताह में अपना संचालन शुरू करेंगी। खान मंत्री प्रत्‍यक्ष भू-विज्ञानी क्षमता और पास पडोस के क्षेत्रों पर बहुसंवेदी वायु भू-भौतिकी सर्वेक्षण पर जीएसआई की विवरणिका का लोकार्पण भी करेंगे।

      कठोर चट्टानी क्षेत्रों में खनन की पारंपरिक भू-विज्ञानी तरीकों के भरपूर उपयोग के बाद भू-विज्ञानी, भू-रसायन, भू-भौतिकी तथा दूरसंवेदी डाटा एकत्रित करने के लिए नये तरीके अपनाने की आवश्‍यकता हुई। क्षेत्रीय बहु संवेदी वायु भू-भौतिकीय सर्वेक्षण को कम समय में छुपी हुई खान सामग्री क्षेत्र को उजागर करने का महत्‍वपूर्ण तरीका माना गया  है। ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों के अतिरिक्‍त विश्‍व के अनेक हिस्‍सों में गुणवत्‍ता सम्‍पन्‍न वायु भू-भौतिकी डाटा उपलब्‍ध हैं और इसके परिणामस्‍वरूप उन क्षेत्रों की पहचान में मदद मिली है जहां बड़ी मात्रा में खान सामग्री छिपी है।

      भारत के भू-गर्वीय सर्वेक्षण 1965 से विभिन्‍न भू-गर्भीय मैदानों में बहुसंवेदी वायु भूभौतिकी सर्वेक्षण करता रहा है। विभिन्‍न सर्वेक्षणों में लगभग 42 लाख किलोमीटर क्षेत्र 15 लाख लाइन किलोमीटर के साथ कवर किये गये हैं। वायु भूभौतिकीय अध्‍ययन के परिणामस्‍वरूप कयार (जेडएनडब्‍ल्‍यूपीबी, 9.2 मिलियन टन), अलादहली (विशाल सलफाइड, 4.5 मिलियन टन) कर्नाटक में और गोलाप्‍पले (पीपी-जेडएन,14 मिलियन टन) आंध्र प्रदेश में मिले हैं। इसके अतिरिक्‍त सर्वेक्षण ने आंध्र प्रदेश के नलगोंडा में यूरेनियम विसंगति को भी रेखांकित किया है।

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