देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश में श्री भरत मंदिर इंटर काॅलेज के हीरक जयंती समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमत्री ने श्री भरत मंदिर इंटर काॅलेज के 75 वर्ष के इतिहास पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने विद्यालय की प्रबंध समिति एवं आयोजकों को विद्यालय की हीरक जयंती के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस विद्यालय की स्थापना उस समय हुई जब देश में भारत छोड़ो आन्दोलन चल रहा था। उस दौर में क्रान्तिकारी छात्र-छात्राओं को स्कूल से निकाल दिया जाता था। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को गर्व होना चाहिए कि देश भक्ति के संस्कारों को लेकर आगे बढ़े इस स्कूल का आजादी से पूर्व का इतिहास है। जहां से अनेक क्रान्तिकारी एवं प्रतिभाशाली लोगों ने यहां से शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हिन्दी माध्यम का स्कूल होते हुए भी स्कूल में दो हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिन भावनाओं के साथ यह स्कूल खोला गया था, इसकी परम्परा आगे भी इसी तरह बनी रहे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के बढ़ते वर्चस्व के बावजूद भी कुछ सरकारी स्कूलों की स्थिति आज भी बहुत अच्छी है। राजपुर रोड स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह स्कूल 09 छात्रों से शुरू हुआ था और अभी स्कूल में प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं अन्य राज्यों के 425 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। स्कूल में विद्यार्थियों को कौशल विकास का हुनर सिखाया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने श्री भरत मंदिर इंटर काॅलेज के प्रथम बैच में पढ़ने वाले लोगों एवं स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्यों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, स्वामी रामकमल दास वेदान्ती महाराज, स्वामी अशोक प्रपन्नाचार्य, पूर्व विधायक श्रीमती विजया बड़थ्वाल, डाॅ. विजय धस्माना, श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के प्रबन्धक श्री हर्ष वर्धन शर्मा, प्रधानाचार्य श्री डी.बी.एस. रावत आदि उपस्थित थे।