नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहाँ कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय देश के सभी हिस्सों में “हुनर हब” बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जहाँ दस्तकारों, शिल्पकारों को एक ही परिसर में अपनी सामग्री के प्रदर्शन-बिक्री का मौका मिलेगा साथ ही वर्तमान मार्किट के अनुसार उन्हें अपने सामान बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
श्री नकवी और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री श्री वी. नारायणसामी ने यहाँ “हुनर के उस्तादों” को मौका-मार्किट मुहैय्या कराने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा लगाए जा रहे “हुनर हाट” का उद्घाटन किया। श्री नकवी ने कहा कि हुनर को हौसला और कौशल विकास नए भारत के निर्माण का मजबूत स्तम्भ होगा।
30 सितम्बर 2017 तक चलने वाला “हुनर हाट”, कला-संस्कृति के प्रमुख केंद्र पुड्डुचेरी के क्राफ्ट बाजार, गांधी थीडल बीच, गोर्बट एवन्यू में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर पुड्डुचेरी सांसद श्री आर. राधाकृष्णन, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के अध्यक्ष श्री शहबाज अली एवं अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुड्डुचेरी सरकार के विभिन्न अधिकारी भी उपस्थित रहे।
श्री नकवी ने कहा कि देश भर के अल्पसंख्यक तबकों के दस्तकारों, शिल्पकारों के हस्त निर्मित सामानों की बिक्री के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ई-पोर्टल बनाया है, जहाँ कारीगरों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मार्किट मिलेगा। इस वर्ष के अंत तक दस्तकारों, शिल्पकारों का डाटा बैंक तैयार हो जायेगा, अब तक हजारों “हुनर के उस्तादों” का पंजीकरण किया जा चुका है।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा अभी तक आयोजित “हुनर हाट” बहुत सफल एवं दस्तकारों, शिल्पकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए उत्साहवर्धक रहे हैं। “हुनर हाट” के माध्यम से बड़ी संख्या में परंपरागत कारीगरों को रोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।
इस “हुनर हाट” में 16 राज्यों से दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर भाग ले रहे हैं। इन दस्तकारों-शिल्पकारों दवारा तैयार अनेक तरह के पारंपरिक हैंडी क्राफ्टस, हैंडलूम एवं दुर्लभ हस्त निर्मित वस्तुएं प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। हैदराबादी मोती, रोट आयरन, लकड़ी पर नक्काशी, हस्त निर्मित गहने, कांथा एंमब्रोइड्ररी बैग, हैंडलूम चादर, हाथ की कशीदाकारी, हस्त निर्मित पेंटिंगस, संगमरमर निर्मित वस्तुएं, लकड़ी एवं चन्दन की कलाकृतियां, पारम्परिक प्रिंटेड कपड़े, शीशे का सामान, माहेश्वरी साड़ी इत्यादि प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
इसके अलावा इस “हुनर हाट” में पारम्परिक स्टाल तैयार किये गए हैं और यहाँ आने वाले लोग देश के अलग-अलग हिस्सों के विभिन्न प्रकार के लजीज़ व्यंजनों का भी आनंद ले सकेंगे जिनमे शामिल हैं- राजस्थानी व्यंजन, मराठी व्यजनं, गुजराती थाली, पंजाबी थाली, मालाबार फूड, मुगलई व्यंजन, काकोरी कबाब, आंध्र प्रदेश के व्यंजन, हलवा, घेवर, बंगाली मिठाईयां, चोखा-बाटी, केरल एवं विभिन्न राज्यों के परंपरागत आचार, मुरब्बे, चटनी इत्यादि।
इस “हुनर हाट” में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, जम्मू और कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, पुड्डुचेरी एवं उत्तराखंड आदि राज्यों से “हुनर के उस्ताद” भाग ले रहे हैं।
अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा इससे पूर्व भी विभिन्न स्थानों पर “हुनर हाट” का आयोजन किया गया है। हाल ही में “हुनर हाट” का आयोजन नई दिल्ली के क्नॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर किया गया था। इस “हुनर हाट” में 26 लाख से भी ज्यादा लोग आए जिनमे देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी शामिल थे। लोगों ने दस्तकारों-शिल्पकारों के सामान की बड़े पैमाने पर खरीद ही नहीं की बल्कि इन्हें बड़ी संख्या में देश-विदेश से आर्डर मिले। जिससे दस्तकारों, शिल्पकारों और परंपरागत कारीगरों को उनके हुनर की विरासत को आगे बढ़ने में प्रोत्साहन मिला।
श्री नकवी ने कहा कि आने वाले समय में “हुनर हाट” का आयोजन मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलुरु, लखनऊ, इलाहाबाद, रांची, गुवाहाटी, जयपुर, भोपाल आदि स्थानों पर भी किया जायेगा जिससे कि देश के हर कोने के दस्तकारों, शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया जा सके।