नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां अंतःराज्यीय परिषद की 11वीं स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय वित, कंपनी मामले एवं रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री माणिक सरकार, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक में भाग लिया। आंध्र प्रदेश, पंजाब एवं राजस्थान राज्यों के मंत्रियों ने अपने अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व किया। केंद्र शासित प्रदेशों एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अंतःराज्यीय परिषद सचिवालय के अधिकारियों के साथ साथ विचार विमर्श में स्थायी समिति के सदस्यों की सहायता की।
अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम इस देश को आगे ले जाने की एक समान इच्छा साझा करते हैं और हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि समृद्धि तभी आ सकती है जब देश में शांति और स्थिरता हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विशेषता विविधता में एकता की रही है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र-राज्य संबंधों में आपसी भरोसा और आत्मीयता हो और हम संकीर्ण विभाजनकारी हितों से ऊपर उठें तथा राष्ट्रीय विकास की एक बड़ी तस्वीर पर ध्यान केंद्रित करें। आज की बैठक 16 जुलाई, 2016 को आयोजित अंतःराज्यीय परिषद के निर्णयों के अनुरूप थी।
पंछी आयोग 2005 में अधिसूचित हुआ था जिसने 2010 में अपनी रिपोर्ट पेश की। पंछी आयोग की अनुशंसाएं सात खंडों में सन्निहित हैं और ये भारत में केंद्र-राज्य संबंधों के इतिहास; संवैधानिक शासन एवं केंद्र-राज्य संबंधों के प्र्रबंधन;केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध और योजना निर्माण; स्थानीय स्व शासन एवं विकेंद्रित शासन; आंतरिक सुरक्षा, आपराधिक न्याय एवं केंद्र-राज्य सहयोग आदि विषयों से संबंधित हैं। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय एवं सभी राज्य सरकारों ने विस्तृत टिप्पणियों के द्वारा रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। इन टिप्पणियों का अंतःराज्यीय परिषद सचिवालय में विश्लेषण किया गया है।
स्थायी समिति ने खंड II एवं III में निहित पंछी आयोग की विभिन्न अनुशंसाओं की विस्तार से जांच की। पंछी आयोग अनुशंसाओं के शेष खंड का विश्लेषण स्थायी समिति की बाद में होने वाली बैठकों में किया जाएगा। इस बैठक में अंतिम रूप दी गई स्थायी समिति की अनुशंसाओं को अंतःराज्यीय परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।