नई दिल्लीः केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गृह मंत्रालय के स्वतंत्रता सेनानी और पुनर्वास प्रभाग(एफएफआर) के कामकाज की समीक्षा की। इस बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर, केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव गाबा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक के दौरान श्री राजनाथ सिंह ने स्वतंत्रता सेनानियों के पेंशन, पुनर्वास योजनाओं और शत्रु सम्पत्ति से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने शत्रु सम्पदा अधिनियम, 2017 के नए प्रावधानों को जल्द ही अधिसूचित करने का निर्देश दिया। जो कि हाल ही में शत्रु संपत्तियों के निपटान/हस्तांतरण को ध्यान में रखकर संशोधन के तौर पर शामिल किए गए थे।
इस उद्देश्य के लिए कस्टोडियन कार्यालय को मजबूत करने का भी निर्णय लिया गया। श्री सिंह ने निर्देश दिया कि प्रभाग को ऐसी सम्पत्तियों को चिंहित करना चाहिए जो कि विवाद रहित हैं और उनका तत्काल निस्तारण कराना चाहिए।
पाकिस्तान में भारतीयों की सम्पत्ति से जुड़े मामलों का निस्तारण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों को शत्रु संपत्तियों की पहचान और मूल्यांकन के समय आपस में समन्वय करने का प्रयास करना चाहिए। बैठक के दौरान, यह भी बताया गया कि ऐसी 6,289 संपत्तियों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और शेष 2,991 संपत्तियों का सर्वे भी पूरा कर लिया जाएगा, इनके मामले अभी कस्टोडियन में हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना के तहत बैंकों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को को मिलने वाली पेंशन की वितरण प्रणाली को पेंशन वितरण निगरानी कक्ष (पीडीएमसी) को सुदृढ़ करके बेहतर किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि बैंकों द्वारा 73 प्रतिशत पेंशन खातों को आधार से जोड़ दिया गया है। प्रभाग को 23 बैंकों के साथ समन्वय करके जल्द से जल्द आधार संख्या को पेंशन खाते से जोड़ने का 100 प्रतिशत का लक्ष्य दिया गया है।
107 शिविरों में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों और लंकाई तमिलों के पुनर्वास से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की गई। प्रभाग को तिब्बती और तमिल शरणार्थियों के रहने से जुड़े मामलों को निपटाने और उनके लिए बेहतर रहन-सहन की व्यवस्था करने का भी आदेश दिया गया।