नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 56वीं स्थापना दिवस परेड में आज आईटीबीपी की 39वीं बटालियन, सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा में शामिल हुए। इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा, आईटीबीपी के महानिदेशक श्री आर के पचनंदा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्री राजनाथ सिंह ने सलामी ली और स्थापना दिवस परेड का निरीक्षण किया। परेड में महिला दल के नेतृत्व में कमांडो, स्किईंग, पर्वतारोहण, नक्सलियों के खिलाफ अभियानों और विभिन्न सीमावर्ती टुकडि़यों ने बल के सभी पहलुओं को प्रदर्शित किया। परेड में पहली बार हाल ही में आईटीबीपी में शामिल किए गए हिम स्कूटर, सभी क्षेत्रों के अनुकूल विभिन्न प्रकार के वाहनों और आधुनिक एसयूवी, पोल नेट भी थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने 9000 फुट से लेकर 18000 फुट तक की ऊंचाई पर कठिन परिस्थितियों में सीमा की सुरक्षा करते हुए अपने प्राणों के बलिदान दिए हैं। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी न केवल भारत-चीन सीमा की रक्षा करती है बल्कि इसकी देश की आंतरिक सुरक्षा में भी जिम्मेदार भूमिका है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के जवान पूर्वोत्तर तथा वामपंथी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी तैनात किए जाते हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने स्वयं भारत-चीन सीमा चौकियों (बीओपी) का दौरा किया और देखा है कि आईटीबीपी के जवान -40 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान तथा ऑक्सीजन की कमी वाली कठिन परिस्थितियों में कैसे अपना कर्तव्य निभाते हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को 50 नए बीओपी स्थापित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिस पर विचार किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि लद्दाख में ‘मॉडल बीओपी’ निर्मित किए जा रहे हैं जिसका उद्देश्य बीओपी के अंदर 20 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि बाद में अन्य इलाकों में भी इसके समान बीओपी स्थापित किए जाएंगे। आईटीबीपी कर्मियों की तकलीफों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निगरानी के लिए जवानों को हिम स्कूटर दिए गए हैं और इस प्रकार के अन्य क्षेत्रों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 35 बीओपी में उन्नयन कार्य भी शुरू किया गया है।
इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और खर्च के बारे में उन्होंने कहा कि दिवाली के अवसर पर सैनिकों को तोहफा दिया गया था जिसमें कॉल दरें 6.50 रुपये प्रति मिनट से घटाकर 1 रुपये प्रति मिनट कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि 11000 फुट की ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को कम वजन वाले विशेष वस्त्र प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसे वस्त्र और पर्वतारोहण के उपकरण 9000 फुट की ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को भी दिए जाएंगे। उन्होंने आईटीबीपी में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आईटीबीपी के महानिदेशक की भी सराहना की। गृह मंत्री ने कहा कि चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों को उनके प्रशिक्षण के दौरान चीनी भाषा भी सिखाई जाएगी।
श्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों से एक शहीद के परिवार की जिम्मेदारी उठाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों की मदद के लिए ‘भारत के वीर’ नाम से पोर्टल का शुरू किया गया है और शहीद के परिवार को कम-से-कम एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपना कर्तव्य निभाते हुए अपंग होने वाले सैनिकों की भी इस कोष से मदद की जाएगी।
इस अवसर पर विशिष्ट सेवा के लिए 6 कर्मियों को राष्ट्रपति के पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 26 कर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
गृह मंत्री द्वारा बल के पशुओं की सेवा के लिए विशेष पदक श्रेणी में छत्तीसगढ़ के नक्सल रोधी अभियानों में तैनात 29वीं बटालियन के बुनियादी प्रशिक्षण केन्द्र, भानु के अश्व ‘ब्लैक ब्यूटी’ और श्वान ‘मछली’ को सर्वेश्रेष्ठ अश्व तथा सर्वेश्रेष्ठ श्वान पदक से सम्मानित किया गया। 38वीं बटालियन को वर्ष-2017 की ‘सर्वेश्रेष्ठ गैर-सीमा बटालियन’ जबकि पहली बटालियन को ‘सर्वेश्रेष्ठ बटालियन’ की ट्रॉफी से नवाजा गया।
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