नई दिल्लीः 01 जुलाई, 2017 से लागू वस्तु एवं सेवाकर के कारण कुछ ऐसे उदाहरण मिले हैं जहां पैकेजिंग पूर्व वस्तुओं के खुदरा मूल्य में बदलाव की जरूरत महसूस हुई थी। इस संबंध में उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने निर्माताओं या पैकेज करने वालों या आयातकों को यह अनुमति दे दी थी कि वे पैकेट-बंद वस्तुओं की संशोधित खुदरा कीमत घोषित करें। यह मौजूदा खुदरा बिक्री मूल्य के अतिरिक्त होगा और इसकी अवधि 01 जुलाई, 2017 से प्रभावी होकर 30 सितंबर, 2017 तक तय की गयी थी। यह अनुमति दी गई थी कि संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य को पैकटों पर मुहर लगाकर या स्टीकर द्वारा प्रदर्शित किया जाए। आगे चलकर इस अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया गया था, जिसे 31 दिसंबर, 2017 तक बढ़ा दिया गया।
अब सरकार ने कुछ विशेष वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम कर दी हैं। उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने वैधानिक माप-तोल (डिब्बा-बंद वस्तुएं) नियम 2011 के नियम 6 के उपनियम (3) के तहत अतिरिक्त स्टीकर या मोहर या ऑनलाइन प्रिंटिंग के जरिए पैकेजिंग पूर्व वस्तुओं के घटे खुदरा मूल्य को घोषित करने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में भी नए स्टीकरों के साथ पुराने स्टीकर भी स्पष्ट दिखने चाहिए।
यह राहत 01 जुलाई, 2017 के बाद निर्मित/पैकेट-बंद/आयातित गैर-बिक्री वाले सामानों पर भी लागू होगी, जहां 01 जुलाई, 2017 के बाद जीएसटी दरों में कमी आने पर खुदरा मूल्य में भी कमी आ गई है।