नई दिल्लीः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने नए उपभोक्ता सरंक्षण विधेयक को स्वीकृति दे दी है औरइस विधेयक को संसद के चालू सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है। श्री पासवान ने कहा कि बीआईएस अधिनियम – 2016 तथा उपभोक्ता संरक्षण विधेयक उपभोक्ता आंदोलन के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना है।
श्री राम विलास पासवान राष्ट्रीय उपभोक्त दिवस 2016 के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे।
राष्ट्रीय उपभोक्त दिवस 2017 का थीम उभरते डिजिटल बाजार : उपभोक्ता सरंक्षण के लिए विषय और चुनौतियां है। इसका आयोजन आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उपभोक्ता मामले विभाग ने किया।
श्री पासवान ने कहा कि 1986 में बना वर्तमान उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 31 वर्ष पुराना है। इस बीच बाजार का पूरा परिदृश्य बदल गया है। किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि स्मार्ट फोन अपने आप में पूरी दुनिया बन जायेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में डिजिटल विश्व की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
श्री राम विलास पासवान ने कहा कि सरकार ने बाजार में हो रहे परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए उपभोक्ता सरंक्षण कानून को आधुनिक बनाने का काम प्रारंभ किया है ताकि उपभोक्ताओं को उचित उत्पाद और सेवा मिल सके और उपभोक्ता संरक्षण में बाधक स्थिति में कार्यकारी हस्तक्षेप हो सके। उन्होंने कहा कि यह टेक्नालाजी का युग है और उपभोक्ताओं को शिक्षित करना और डिजिटल विश्व में शिकायतों का समाधान महत्वपूर्ण है।
श्री पासवान ने कहा कि डिजिटल साक्षरता तथा वित्तीय साक्षरता दोनों साथ साथ चलनी चाहिए ताकि सरकार के नकद रहित अर्थव्यवस्था विजन में डिजिटल भुगतान तथा विभिन्न वित्तीय उत्पादों के उपयोग के बारे में उपभोक्ता कुशल हो सकें।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री सी आर चौधरी ने कहा कि आज व्यापार व्यवसाय वैश्विक हो गए हैं। इसलिए उपभोक्ता नीतियों का प्रणालीबद्ध विकास आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि हम न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखना चाहते हैं बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी चाहते हैं।
एनसीडीआरसी के अध्यक्ष जस्टिस डी के जैन ने कहा कि इस वर्ष एनसीडीआरसी के समक्ष दायर मामलों में 139 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह वृद्घि उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरुकता दिखाती है।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव श्री अविनाश के. श्रीवास्तव ने बताया कि ऑनलाइन वर्ल्ड में उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए विभाग ने तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें कानूनी मेट्रोलाजी (पैकेज सामग्री) नियम, 2011 में संशोधन करके ई-कामर्स प्लेटफार्म पर प्रदर्शित सामग्रियों पर नियम के अंतर्गत आवश्यक घोषणा शामिल करना अनिवार्य करना प्रमुख ई-कामर्स कंपनियों को कंवर्जन्स प्लेटफार्म पर लाना तथा ई-कामर्स के लिए नियम बनाना शामिल है।