नई दिल्ली: युवा और खेल मामलों के मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को और अधिक मजबूत बनाने तथा इसके पुनर्गठन के बारे में चर्चा करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन का आयोजन किया। एनएसएस की स्थापना 1969 में की गई थी। इस कार्यक्रम के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि खेल और युवा मामले के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल द्वारा व्यक्तिगत पहल की जा रही है।
अपने मुख्य भाषण में श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि जब से समाज की जरूरतों और युवाओं की आकांक्षाओं में बदलाव आया है, तब से एनएसएस की संरचना काफी हद तक समान रही है। मौजूदा आवश्यकताओं के साथ कार्यक्रम को फिर से दुरूस्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने जमीनी स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि एनएसएस शाखाओं को शहरी मलिन बस्तियों को अपनाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करने चाहिए तथा सर्वांगीण विकास के लिए सफाई और स्वच्छता, साक्षरता आदि क्षेत्रों पर भी काम करना चाहिए। एनएसएस ईकाइयों को एक केन्द्रित तरीकों से काम करना चाहिए और मिशन क्षेत्रों को मलिन बस्तियों को एक मॉडल क्षेत्र के रूप में अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में शुरू की गई सर्वांगीण विकास के कई पहलुओं का जिक्र करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि एनएसएस को इन कार्यक्रमों को जनता के समक्ष लाना चाहिए तथा इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएसएस की पहचान इसके कार्यों द्वारा पूरे भारत में फैलनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो सबसे पहले एनएसएस के स्वयंसेवियों को मौके पर पहुंचना चाहिए और राहत और बचाव कार्य शुरू करना चाहिए।
एकदिवसीय सम्मेलन में तादाद में एनएसएस के सभी भागीदारों ने भाग लिया, जिसमें एनएसएस के राज्य सचिव, एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक, राज्य स्तरीय एनएसएस अधिकारीगण, विश्वविद्यालयों के कुलपति, कॉलेजों के प्रिंसिपल, एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक/कार्यक्रम अधिकारी तथा देशभर से एनएसएस के सभी सहयोगी शामिल थे। इसके अलावा कार्यक्रम से संबंधित केन्द्र सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों ने अपने सर्वोत्तम अभ्यासों तथा अनुभवों को सामने रखा और समस्याओं को सुलझाने के लिए अपने सुझाव भी दिये। सम्मेलन में कार्यक्रम सामग्री, प्रशासनिक तथा वित्तीय मामलों में सुधार लाने वाले मुद्दों को शामिल किया गया।
कुछ मुद्दों का हल मौके पर ही किया गया, जबकि अन्य मुद्दों के लिए श्री विजय गोयल ने निर्देश दिया कि इन मुद्दों का हल यूजीसी जैसे संबंधित प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। कुछ जटिल मुद्दों पर और परामर्श की जरूरत है और इसके लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया, ताकि हितधारकों के साथ परामर्श करके एक सर्वमान्य निर्णय लिया जा सके। मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों द्वारा प्राप्त सुझावों और सिफारिशों पर उनके मंत्रालय द्वारा आवश्यक और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।