नई दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए पालिका क्षेत्र के अपशिष्ट का स्रोत स्तर पर ही विलगन करने का कार्यक्रम लांच किया।
इस अवसर पर श्री एम वेंकैया नायडू ने नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक घर और दुकान से कचरा अलग-अलग एकत्रित करने के लिए विभिन्न रंगों के कूड़ेदानों का उपयोग किया जाएगा। गीले कचरे के लिए हरे रंग का कूड़ेदान और सूखे कचरे के लिए नीले रंग का कूड़ेदान होगा। उन्होंने बताया कि गलत निष्पादन और ठोस कचरे को जलाने से देश में प्रतिवर्ष 12.69 मिलियन टन मिथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे का प्रभाव होता है। उन्होंने बताया कि हाल के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि हेपेटाइटिस, कालरा और मलेरिया जैसी 15 बीमारियों का कारण अनुचित रूप से ठोस कचरे का प्रबंधन है।
श्री नायडू ने कहा कि पालिका क्षेत्र में ठोस कचरे से कम्पोस्ट और ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक नीतिगत कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कचरे से ऊर्जा बनाने के काम को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों द्वारा कचरे से बनी बिजली को खरीदना अनिवार्य बना दिया गया है। कचरे से कम्पोस्ट बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रति टन 1500 रूपये की सब्सिडी दी जाएगी।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री ने डाइमंड कार्टून ‘चाचा चौधरी और स्वच्छ भारत’ के विशेष संस्करण का लोकार्पण किया। इस पुस्तक में ठोस कचरा प्रबंधन से संबंधित संदेश कार्टून के माध्यम से दिए गए हैं।
डीएमआरसी तथा आईएल एवं एफएस के बीच बिजली खरीदने के बारे में सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सहमति ज्ञापन के अनुसार आईएल एवं एफएस द्वारा कचरे से तैयार हरित बिजली डीएमआरसी द्वारा खरीदी जाएगी। इस समझौते से स्वच्छ और स्वस्थ्य दिल्ली बनाने में मदद मिलेगी।
श्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली के 5 शहरी स्थानीय निकायों के अतिरिक्त गुरूग्राम, फरीदाबाद, नोएडा तथा गाजियाबाद सहित कुल 9 शहरी स्थानीय निकायों से स्रोत स्तर पर अलग-अलग कचरा संग्रह करने के लिए वाहनों को रवाना किया।
शहरी विकास मंत्री ने स्रोत स्तर पर कचरे को अलग-अलग करने में योगदान देने वाले लोगों, आवासीय कल्याण संघों, हॉटलों तथा रेस्तराओं का अभिनंदन किया और इस संबंध में शपथ दिलाई।
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