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श्री वेंकैया नायडू ने कहा, ‘रेजिडेक्‍स ने भूमि की कीमतों में बदलाव को दर्ज करने के साथ-साथ नोटबंदी के आलोचकों को गलत साबित किया है’

देश-विदेश

नई दिल्ली: आज जारी किये गये संशोधित एवं विस्‍तृत आधिकारिक ऑनलाइन यूजर अनुकूल ‘एनएचबी रेजिडेक्‍स’ से यह पता चला है कि सर्वे में शामिल लगभग आधे शहरों में अक्‍टूबर-दिसंबर 2016 की तुलना में जनवरी-मार्च 2017 के दौरान आवासीय अचल संपत्ति की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि अन्‍य आधे शहरों में इनकी कीमतें या तो घट गई हैं अथवा समान स्‍तर पर टिकी हुई हैं। ‘एनएचबी रेजिडेक्‍स’ आवासीय अचल संपत्ति की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है।

आवास एवं शहरी मामले मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज राष्‍ट्रीय आवास बैंक की स्‍थापना के 30 वर्ष के अवसर पर ‘एनएचबी रेजिडेक्‍स’ का नया वर्जन आज जारी किया।

श्री नायडू ने इस अवसर पर कहा कि वित्‍त वर्ष 2016-17 की अंतिम तिमाही के मूल्‍य सूचकांकों ने नोटबंदी के उन आलोचकों को गलत साबित कर दिया है, जिन्‍होंने कहा था कि इसका अर्थव्‍यवस्‍था पर अत्‍यंत प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय आवास बैंक ने जमीन की कीमतों पर आंकड़े इकट्ठे किये हैं, जिससे जमीन की कीमतों में बेहतरी नजर आ रही है। इससे भी अघोषित या बेहिसाबी धन से होने वाले लेन-देन में गिरावट होने की बात सामने आई है।

जनवरी-मार्च, 2017 के ‘एनएचबी रेजिडेक्‍स’ से पता चला है कि सूचकांक में शामिल 47 शहरों में से 24 शहरों में पिछली तिमाही की तुलना में आवासीय संपत्तियों के मूल्‍य सूचकांक बढ़ गए हैं, जिनमें जयपुर, चेन्‍नई, लखनऊ, गुवाहाटी, हावड़ा, हैदराबाद इत्‍यादि शामिल हैं। वहीं, दूसरी ओर दिल्‍ली, फरीदाबाद, चंडीगढ़, पटना, नासिक इत्‍यादि में इनकी कीमतें घट गई हैं।

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