नई दिल्ली: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार कल विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्रदान करेंगे। वर्ष 2015 में उल्लेखनीय योगदान के लिए ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 1965 से ‘विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार’ (वीआरपी) यह पहले श्रमवीर राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से प्रचलित था। मंत्रालय राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (एनएसए) प्रदान करता है। इन पुरस्कारों का संचालन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तकनीकी इकाई महानिदेशक फैक्ट्री सलाहकार सेवा एवं कामगार संस्थान, मुम्बई करती है। डीजीएफएएसएलआई कामगारों को तकनीकी सलाह एवं सेवाएं प्रदान करती है। यह फैक्ट्रियों में कामगारों की प्रतिनिधियों और प्रबंधकों को भी सेवाएं प्रदान करती है। कामगारों की सेहत और रहन-सहन को बेहतर बनाने के लिए औद्योगिक गतिविधियों में सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में भी कार्य करती है। मंत्रालय द्वारा आयोजित यह 50वां (स्वर्ण जयंती) पुरस्कार समारोह है।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ये पुरस्कार प्रदान करेंगे।
विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार – यह पुरस्कार उस कामगार अथवा कामगारों के समूह को दिया जाता है। जिसने कोई उल्लेखनीय सलाह दी हो। जिसकी वजह से गुणवत्ता, उत्पादकता एवं कार्य की स्थितियों में सुधार हुआ हो अथवा सुरक्षा स्वास्थ्य संबंधी पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिला हो। यह पुरस्कार नकद धनराशि और प्रशस्ति पत्र के रूप में तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। श्रेणी ए के लिए 75 हजार रुपए श्रेणी बी में 50 हजार रुपए और श्रेणी सी में 25 हजार रुपए की नकद राशि प्रदान की जाती है। 212 आवेदनों में से 28 पुरस्कार विजेताओं को चुना गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार – यह पुरस्कार दुर्घटना रोकथाम कार्यक्रमों के तहत औद्योगिक प्रतिष्ठानों, निर्माणाधीन स्थानों, बंदरगाहों पर उल्लेखनीय सुरक्षा प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। पुरस्कार 12 श्रेणियों के अंतर्गत दिया जाता है इनमें से 10 फैक्ट्रियों, निर्माणाधीन स्थलों एवं एईआरबी के तहत प्रतिष्ठानों एवं दो पुरस्कार बंदरगाहों के आसपास सुरक्षा उपायों के लिए प्रदान किए जाते हैं। प्रत्येक पुरस्कार के अंतर्गत एक शील्ड और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है।