नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने 24 अप्रैल, 2018 को आयोजित ई-कॉमर्स पर राष्ट्रीय नीति के लिए थिंक टैंक की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में ई-कॉमर्स के विभिन्न पहलुओं से जुड़े भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें वाणिज्य विभाग, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, दूर संचार विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव; दो नियामकीय निकायों – भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और ट्राई के अध्यक्ष; उद्योग जगत के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि, ई-कॉमर्स कंपनियां, दूर संचार कंपनियां एवं आईटी कंपनियां; तथा स्वतंत्र विशेषज्ञ शामिल थे।
ई-कॉमर्स पर राष्ट्रीय नीति के लिए संरचना पर थिंक टैंक की स्थापना हाल ही में वाणिज्य विभाग द्वारा की गई है। यह एक समावेशी तथा तथ्य आधारित संवाद के लिए विश्वसनीय मंच उपलब्ध कराएगा जिससे विस्तृत नीति निर्माण संभव हो सकेगा। इससे देश अवसरों का लाभ उठाने और उन चुनौतियों का सामना करने में, जो कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रगति की अगली धारा से उत्पन्न होंगी, का सामना करने के लिए समुचित रूप से तैयार हो सकेगा।
थिंक टैंक ने ई-कॉमर्स पर एक व्यापक एवं अति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नीति विकसित करने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भारत के सामने खड़ी चुनौतियों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श किया। थिंक टैंक द्वारा जिन मुद्दों पर विचार किया गया, उनमें भौतिक एवं डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसी ई-कॉमर्स एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था के पहलु, नियामकीय व्यवस्था, कराधान नीति, डाटा प्रवाह, सर्वर लोकेलाइजेशन, एफडीआई, प्रौद्योगिकी प्रवाह, कौशल विकास एवं व्यापार संबंधित पहलु शामिल हैं। ई-कॉमर्स पर वैश्विक प्रगति एवं अंतर्निहित मुद्दों पर उत्पन्न हो रही उपयुक्त राष्ट्रीय स्थिति थिंक टैंक के विचार-विमर्श का एक अन्य महत्वपूर्ण आयाम था।
थिंक टैंक की पहली बैठक के प्रमुख परिणामों में से एक परिणाम ई-कॉमर्स पर भारत की राष्ट्रीय नीति के लिए अनुसंशाए तैयार करने हेतु कार्यबल का गठन करने का फैसला था। इस कार्यबल को विभिन्न उप-समूहों में विभाजित किया जाएगा जिसमें भारत सरकार के प्रतिनिधि, ई-कॉमर्स उद्योग एवं डोमेन नॉलेज के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यह कार्यबल छह महीनों के भीतर अपनी अनुशंसाओं को अंतिम रूप दे देगा।