नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती जुबिन स्मृति इरानी ने कहा है कि प्रसारण के आदर्श ढांचे को लोकतांत्रिक दर्शक पर फोकस करना चाहिए। इसका आधार सटीक मापन प्रणाली होनी चाहिए जो क्षेत्रीय भाषाओं की शक्ति, दर्शकों/उपभोक्ताओं की विभिन्न रूचियों को दर्शाती हो और एजेंडा निर्धारण, सृजनात्मक विषय वस्तु तथा मुख्यधारा और क्षेत्रीय मंचों से संबंधित विषयों की खाई को पाट सके। श्रीमती इरानी आज यहां लोकतंत्र के लिए आदर्श प्रसारण विषय पर 2017 का सरदार पटेल स्मारक व्याखान दे रही थीं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि प्रसारण क्षेत्र कारोबारी प्रस्तावों और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर आधारित है। माननीय प्रधानमंत्री का ‘मन की बात’ कार्यक्रम इस बात का आदर्श उदाहरण है कि कैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म प्रधानमंत्री के संदेश को नागरिकों की समझदारी से जोड़ता है और प्रधानमंत्री के द्वारा प्रत्येक प्रसारण में उठाए गए विषयों पर जागरूकता होती है।
प्रसारण क्षेत्र के समाचार भाग में वर्तमान प्रवृत्तियों की चर्चा करते हुए श्रीमती इरानी कहा कि आज समाचार एक ‘दर्शक का खेल’ हो गया है, क्योंकि टेक्नोलॉजी ने विषय-वस्तु और प्रसारण के बीच की रेखा को धुंधली बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप मीडिया का एक वर्ग तो संहिता, आचार और मर्यादा नियमों का पालन करता है, जबकि दूसरा वर्ग टीआरपी की दौड़ में लगा रहता है और परिणामस्वरूप शीर्षक हैश टैग के साथ स्पर्धा करते हैं। यह देश में सोशल मीडिया विस्फोट की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि सोशल मीडिया सूचना प्रसार का नया मार्ग प्रदान कर रहा है।
सार्वजनिक प्रसारणकर्ता के बारे में श्रीमती स्मृति इरानी ने कहा कि सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ने निजी चैनलों के कारोबार और मुनाफा हित से ऊपर जनहित को रखा है। यह प्रसार भारती के अनिवार्य है कि देश की प्रगति के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष बात कहे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सार्वजनिक प्रसारणकर्ता से साधारण व्यक्ति के इर्द-गिर्द कहानियां गढ़ने का आह्वान किया ताकि इसका प्रभाव भारत के अंदर और बाहर पड़े।सूचना और प्रसारण मंत्रालय इंटरनेट, मोबाइल, कंटेंट, एनीमेशन और गेमिंग के क्षेत्र में युवा पीढ़ी के द्वारा टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए डिजीटल क्षेत्र में विशेष सृजन के लिए ‘डिजाइन थिंकर्स’ की अवधारणा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करेगा। इसमें माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 2022 तक के नए भारत के विजन के तत्वों को शामिल किया जाएगा।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की शक्तियों का उल्लेख करते हुए श्रीमती इरानी ने कहा कि सूचना सेवा अधिकारियों के प्रोफाइल को भविष्य में कौशल और एकीकृत प्रशासनिक अनुभव प्रदान कर मजबूत बनाया जाएगा ताकि सूचना के माध्यम से अधिकारी लोगों की नीति और कार्यक्रमों को प्रस्तुत कर सकें। यह सूचना प्रसार चैनल के माध्यम से लोगों की सेवा की ढांचा बनाने के सरदार पटेल के विजन के अनुरूप होगा।
इस वार्षिक व्याखान का आयोजन भारत के पहले सूचना और प्रसारण मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में आकाशवाणी द्वारा किया गया था। व्याखान का पहला आयोजन 1955 में किया गया था और पहला स्मृति व्याखान श्री सी. राजगोपालाचारी ने दिया था। पहले के वर्षों के वक्ताओं में डॉ. जाकिर हुसैन, श्री मोरारजी देसाई, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और अन्य प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं।