संघ ने घाटे में चलने वाली बैंकों को बंद करने के वित्त मंत्री अरूण जेटली के कदम का विरोध किया है। संघ की संस्था भारतीय मजदूर संघ के औद्योगिक फैडरेशन, नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स ने वित्त मंत्री के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि, ‘सरकार को इस कदम को तुरंत वापस लेना चाहिए। विदेशों में घाटे में चल रहीं बैंक की ब्रांच को बंद करने का सरकार का निर्णय तो समझ में आता है। मगर देश के अंदर घाटे में चल रही बैंक ब्रांचों को बन्द करने का निर्णय सही नहीं है।’
नेशनल आर्गनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्लयू) के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा का कहना है कि, ‘सरकार को पहले यह तय करना चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्र बैंक जनता की सेवा के मकसद से कार्य कर रहे हैं या फिर लाभ कमाने के लिए कार्य कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘सरकार की तमाम योजनाओं का बोझ सीधे बैंकों के कंधों पर होने की वजह से बैंक अपने वास्तविक कार्य नहीं कर पा रहे हैं। तो ऐसे में उनका मकसद लाभ कमाना कैसे हो सकता है।’
राणा के अनुसार, पब्लिक सेक्टर बैंक देश में सरकार की तमाम योजनाओं को लागू करने तथा कर्ज वसूली में ही लगे रहते हैं। उन पर जनधन, अटल पेंशन योजना, नोटबंदी, सरकारी योजनाओं के सब्सिडी वितरण, प्रधानमंत्री पेंशन योजना, स्टार्टअप और मुद्रा लोन, डी.आर.आई. लोन सरीखे योजनाओं का काम पहले से ही लदा हुआ था। अब उनको आधार का काम भी थमा दिया गया है।
खाताधारकों के साथ बैंककर्मियों को होगा भारी नुकसान
बतौर अश्वनी राणा यदि घाटे में चल रही बैंक की ब्रांच बंद होती हैं, तो इससे न सिर्फ खाताधारकों को नुकशान होगा बल्कि बैंककर्मी भी प्रभावित होंगे। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ब्रांच बंद हो जाएंगी तो उनके खातेदारों और उन ब्रांच में कार्य करने वाले कर्मचारियों का क्या होगा। संघ की संस्था ने वित्त मंत्रालय के सलाहकारों की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, ‘लगता है कि वित्त मंत्रालय में सरकार के सलाहकार इन पब्लिक सेक्टर बैंकों को खत्म करने के लिए ही काम कर रहे हैं। इसीलिए आए दिन बैंकों के बारे में उलटे सीधे निर्णेय लेते रहते हैं।’ संस्था ने वित्त मंत्रालय के जरिए घाटे में चल रहीं बैंक की ब्रांचों को बंद करने के निर्देश का कड़ा विरोध किया है।
दरअसल वित्त मंत्रालय ने देश एवं विदेश में घाटे में चल रही पब्लिक सेक्टर बैंकों के ब्रांचों को बंद करने का निर्देश दिया है। जिसे लेकर अब संघ की संस्था भी सरकार के सामने मैदान में उतर आई है। (By: AmarUjala)
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