नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र का शांति स्थापना केन्द्र (सीयूएनपीके), 17 जुलाई से 4 अगस्त 2017 तक नई दिल्ली में अमरीका के साथ संयुक्त रूप से अफ्रीकी भागीदारों के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पाठ्यक्रम के दूसरे सत्र का आयोजन कर रहा है।
इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन 17 जुलाई को मानक शॉ केन्द्र, नई दिल्ली में हुआ। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता श्रीमती रूचि घनश्याम, सचिव (पश्चिम), विदेश मंत्रालय ने की। उन्होंने अधिकारियों का स्वागत किया और उपस्थित लोगों को संयुक्त राष्ट्र के प्रति भारत की प्रतिबधद्ता की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रसिद्ध वक्ताओं में शामिल थे ले. जन., जे एस चीमा. उप सेना अध्यक्ष (आईएसएण्डटी), ले. जन. विजय सिंह, महानिदेशक स्टाफ डयूटी, चार्ज डी एफेयर्स नई दिल्ली में अमरीकी दूतावास के मेरीकेल कार्लसन।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र को योगदान देने वाले देशों की अफ्रीकी सैनिक टुकडियों में क्षमताएं बनाना और उनमें वृद्धि करना तथा इन देशों के प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह पाठ्यक्रम मुख्य रूप से प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने की संकल्पना पर आधारित है, जो कि भारत द्वारा शांति स्थापना की गतिविधियों में किये गये सक्रिय योगदान के लिए उठाये गए कदमों में से एक है। इस पाठ्यक्रम में भारत सहित 19 देशों के अधिकारी भाग ले रहे हैं। पाठ्यक्रम में शामिल प्रशिक्षु अधिकारी वर्तमान में अफ्रीकी शांति स्थापना प्रशिक्षण संस्थाओँ के संबधित शांति स्थापना प्रशिक्षण केन्द्रों में तैनात हैं।
प्रशिक्षण में परिचालन और साजो सामान संबधित मामले, मानवीय मुद्दे, संबधित विषय और ब्लैक-बोर्ड एवं टेबल टॉप अभ्यास तथा अभियानों के संक्षिप्त विवरणों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण में अपने संबधित देशों में आगे प्रशिक्षण अधिकारियों को शांति स्थापना की बारीकियां समझाने में प्रशिक्षु अधिकारियों की सहायता के ऊपर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय रूप से इस पाठ्यक्रम को पहले ही कई मायनों में मील का पत्थर माना जा रहा है।