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संसद के बजट सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा मीडिया को दिए गये वक्तव्य का मूल पाठ

देश-विदेश

नई दिल्ली: पिछले सत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजदू भी तीन तलाक, (Triple तलाक)संसद में हम पारित नहीं करवा पाए। मैं आशा करता हूं और मैं देश के सभी राजनीतिक दलों को विनम्र आग्रह करता हूं कि इस सत्र में, तीन तलाक महिलाओं के, विशेष करके मुस्लिम महिलाओं के हक की रक्षा करने वाले इस निर्णय को हम सब पारित करें और 2018 के नये वर्ष की एक उत्‍तम भेंट सौगात, हमारी मुस्लिम महिलाओं को हम दें।

बजट सत्र अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण होता है। पूरा विश्‍व जब भारत की अर्थव्‍यवस्‍था के प्रति बहुत ही आशावान है। भारत की राह, भारत की प्रगति पर विश्‍व की सभी Credit Rating Agencies हो, World Bank हो, IMF हो,बहुत ही सकारात्‍मक अपने opinion देती रही है। यह बजट देश की तेज की गति से आगे बढ़ रही अर्थव्‍यवस्‍था को एक नई ऊर्जा देने वाला, देश के सामान्‍य से सामान्‍य मानव की आशा-अपेक्षाओं को पूर्ण करने वाला बजट आएगा और बजट के बाद एक महीने भर भिन्‍न भिन्‍न कमेटियों में बजट की विषद चर्चा होती है। अनुभव यह है कि उन कमेटियों में दल से ऊपर देश होता है। सभी दल के लोग सत्‍तापक्ष के लोग भी कमियां उजागर करते हैं और विपक्ष के बंधू उसकी खूबियों को उजागर करते हैं। एक प्रकार को बहुत ही healthy environment होता है,healthy atmosphere होता है।

कल जब All Party meeting हुई तो मैंने आग्रह किया है कि हम इस महीने की जो चर्चा सत्र रहता है,कमिटियों के अंदर उसका भरपूर उपयोग करे, और बजट का सर्वाधिक लाभ देश के सामान्‍य मानव तक कैसे पहुंचे? दलित, पीडि़त, शोषित, वंचित को कैसे मिले?गांव गरीब को कैसे मिले?किसान मजदूर को कैसे मिले? इस पर हम व्‍यापक चिंतन करें, सकारात्‍मक सुझाव दें और roadmap बना करके हम आगे बढ़े।

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