नई दिल्लीः महिला कर्मचारियों के लिए सम्मिलित औऱ सहयोगी कार्य वातावरण की भावना का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए संसद भवन में शीघ्र ही शिशु सदन(क्रेच) की स्थापना की जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष की प्रत्यक्ष देखरेख में शिशु सदन का विकास कार्य प्रगति पर है और एक वरिष्ठ अधिकारी इसके कार्य पर निगरानी रख रहे हैं।
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 29 मार्च, 2017 को लिखे एक पत्र में लोकसभा अध्यक्ष को संसद भवन में शिशु सदन की कमी के संबंध में सूचित किया था। अपने पत्र में श्रीमती गांधी ने कहा कि संसद में कार्य करने वाले कुल अधिकारियो में से एक तिहाई से अधिक महिलाओ के होने के कारण शिशु सदन का प्रावधान अतिआवश्यक है। इस पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने सूचित किया कि शीघ्र ही संसद भवन परिसर में शिशु सदन की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय ने लोकसभा अध्यक्ष को इसके लिए ट्विटर पर धन्यवाद दिया।
मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अंतर्गत स्वस्थ कार्यक्षेत्र, विविधता को बनाए रखने और शिशु सदन सुविधा की प्रत्यक्ष स्थापना संबंधी प्रावधान किए गए हैं। कर्मचारियों से शिशु सदन पंजीकरण के आवेदन स्वीकार करते समय मानक संचालन प्रकिया(एसओपी) का अनुपालन किया जाता है। 1500 स्वायर फुट के केंद्र का संचालन योग्य व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित किया जाएगा और इसमें बच्चो को दूध पिलाने के लिए अलग कक्ष का प्रावधान भी किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण कदम से दूरगामी परिणाम होंगे और इससे निजी संस्थानो,केंद्र और राज्य सरकारो के संगठनो को महिलाओ के लिए शिशु सदन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।