मक्का: सऊदी अरब में कायदे कानून को तोड़ने पर सजा के सख्त प्रावधान हैं। फिर चाहे वह आरोपी पुरुष हो या कोई महिला, लेकिन क्या सिर कलम जैसी निर्मम सजा देना सही हैं?
सऊदी अरब के मक्का में हाल में एक महिला का सरेआम सिर कलम करके मृत्यु दंड दिए जाने का जो वीडियों सोशल मीडिया में जारी हुआ है। वह भी किसी सभ्य समाज की परंपरा नहीं कही जा सकती।
सोशल मीडिया में वायरल हुए इस वीडियो में सफेद चोगा पहने एक सउदी अधिकारी को एक महिला का सरेआम गला काटते हुए दिखाया गया है। महिला पर अपनी 7 साल की सौतेली बच्ची का कत्ल करने का आरोप है।
वीडियों में महिला चारों ओर से पुलिसकर्मियों से घिरी दिखाई गई है। मृत्यदंड दिए जाने के पहले उसका चेहरा काले कपडे़ से ढक दिया जाता है। इसके तुरंत बाद सफेद चोगा पहने अधिकारी एक चमचमाती तलवार से महिला के गले पर वार कर उसे मौत के घाट उतार देता है। इसके पहले महिला खुद को निर्दोष बताते हुए ‘मैंने बच्ची को नहीं मारा नहीं मारा’ कहते हुए चिल्लाते दिखाई दे रही है।
मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि इस तरह की बर्बरता का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ ने सऊदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वर्ष 2014 के दौरान देश में जिन 87 लोगों को मौत की सजा दी गई उनमें से ज्यादातर का सिर कलम किया गया जो कि अमानवीय कृत्य है।
दूसरी ओर सऊदी सरकार ने इसे देश के शरीयत कानून के अनुसार की गई कार्रवाई बताते हुए कहा है कि इस घटना का वीडियो जिस शख्स ने अपने मोबाइल फोन से रिकार्ड किया था उसके खिलाफ देश के साइबर कानून का उल्लंघन करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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