देहरादून: स्टार्टअप नीति बन गई है। इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना हो गई है। जल्द ही स्टार्टअप कॉउन्सिल का गठन किया जाएगा। उत्तराखंड में 60 स्टार्टअप शुरू हो गए हैं। इनसे 400 लोगों को रोजगार मिला है। दो इनक्यूबेटर कार्यरत हैं। यह जानकारी मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इन्वेस्ट इंडिया की बैठक में दी गई। मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों का एक कोर ग्रुप बनाया जाय। राज्य के प्रमुख त्योहारों में भी स्टार्टअप की जानकारी दी जाय और उत्पादों को प्रदर्शित किए जाएं।
बैठक में बताया गया कि उद्यमिता संस्कृति विकसित करने के लिए स्टार्टअप योजना शुरू की गई है। उत्तराखंड में हेल्थ केयर, आयुर्वेद, ट्रेवल एंड टूरिज्म, कृषि और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बताया गया कि उद्यम के नए विचार विकसित करने के लिए स्टार्टअप में 10000 रुपये मासिक, 5 लाख रुपये उत्पाद विकसित करने के लिए, 5 लाख रुपए जरूरत के मुताबिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं। इनक्यूबेटर को एक करोड़ रुपये एकमुश्त, 2 लाख रुपये रनिंग कॉस्ट और 2 लाख रुपये मैचिंग ग्रांट दिया जाता है।
बताया गया कि इन्वेस्ट इंडिया, उत्तराखंड में 02 से 27 अप्रैल तक सभी जिलों में एक दिन का वर्कशॉप करेगा। प्रमुख शिक्षण संस्थानों में बूट कैम्प भी किया जाएगा। इसके तहत विद्यार्थियों से उद्यम के क्षेत्र में 30-40 नए विचारों को शामिल किया जाएगा। अनुमान है कि इससे लगभग 4000 उद्यमी प्रभावित होंगे। वर्कशॉप के अंत में विद्यार्थियों को पुरष्कार दिए जाएंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव शिक्षा डाॅ.भूपिंदर कौर औलख, सचिव आईटी श्री रविनाथ रमन, एमडी सिडकुल श्रीमती सौजन्या, इन्वेस्ट इंडिया के उत्कर्ष सहित अन्य वरिष्ट अधिकारी उपस्थित थे।