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सचिवालय में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से विभिन्न विभागों की समीक्षा करते हुए

सचिवालय में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से विभिन्न विभागों की समीक्षा करते हुए
उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से शनिवार को सचिवालय में कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं दुग्ध विकास आदि विभागों की समीक्षा की। बैठक में विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा सहायतित योजनाओं की समीक्षा की गई। भारत सरकार की कई प्रमुख योजनाओं में विगत तीन वर्षाें में प्राप्त बजट खर्च न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। राज्य से केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाण पत्रों में होने वाली देरी पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने सख्त रूख अपनाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्य संस्कृति में बदलाव लाए। केंद्र से मिलने वाली राशि का समय पर उपयोग सुनिश्चित करें। इसमें कोई हीला हवाली स्वीकार नही होगी और लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड सरकार के कृषि मंत्री को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक तीन माह में केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को दो नये कृषि विज्ञान केन्द्र देने पर केन्द्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने निर्देश दिये कि हर तीन माह में कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी राज्य के कृषि विभाग एवं एलाइड सेक्टर्स के अधिकारियों के साथ जनपद स्तर पर बैठकें करें। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के लिये धन की कमी नहीं होनी दी जायेगी। उन्होंने केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे परस्पर समन्वय बना कर कार्य करें। प्रत्येक योजना के उपयोगिता प्रमाण पत्रों(यूटिलाईजेशन सर्टिफिकेट) समय पर भेजें जाय, जिससे अगली किश्त तत्काल अवमुक्त की जाय। उन्होंने कहा कि सर्टिफाइड बीजों की डिमांड एक दो वर्ष पूर्व आकलित की जाय जिससे बीज विकास निगम समय पर आपूर्ति कर सकंे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और समेकित बगवानी विकास मिशन में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।
राष्ट्रीय डेरी परियोजना में उत्तराखण्ड से 17 करोड़ का यूटलाईजेशन सर्टिफिकेट केंद्र को भेजा जाना है। मुख्यमंत्री ने तत्काल उपयोगिता प्रमाण पत्र(यूसी) भेजने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने 10 दिन में उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही अगली किश्त जारी करने को कहा। बैठक में बताया गया कि हरिद्वार में गोवर्धनपुर ग्राम को गोकुल ग्राम बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन में उत्तराखण्ड ने 33 करोड़ की योजनाए भेजी हैं। गोकुल मिशन के अन्तर्गत बद्री गाय की उत्पादकता में वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राष्ट्रीय गोकुल मिशन में उत्तराखण्ड को पूरी सहायता दी जाएगी।
बैठक में डेरी, पशुपालन के साथ मत्स्य पालन की समीक्षा भी की गई। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एलाइड कृषि क्षेत्रों को कौशल विकास योजना को जोड़ा जाय। साॅयल हेल्थ कार्ड योजना की समीक्षा में बताया गया कि उत्तराखण्ड में 93 प्रतिशत किसानों को कार्ड बांट दिये गये हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ब्लाक पंचायत लेवल तक मृदा परीक्षण लैब की स्थापना की जाय। मिनी लैब के लिए सहायता दी जाएगी। पंडित दीन दयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना में हरिद्वार, उधमसिंहनगर, अल्मोडा, उत्तरकाशी में गाँवों में जैविक खेती, गौ आधारित खेती, आदि की शिक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही है। पिछले तीन वर्षों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में कुल उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष 30 प्रतिशत तक धनराशि खर्च नहीं हुई है। बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि यंत्रीकरण उप मिशन और विस्तार योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना आदि पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री रणवीर सिंह, श्री ओम प्रकाश, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिवों सहित केन्द्र एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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