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सचिवालय में कुम्भ और कावड़ मेला की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

सचिवालय में कुम्भ और कावड़ मेला की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: भीड़ प्रबन्धन पर फोकस करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कुम्भ और कावड़ मेला की तैयारियों की समीक्षा की। कुम्भ क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए चण्डीपुल पार कुम्भ क्षेत्र को विस्तार करके विकसित करने के लिये प्रयास करने पर बल दिया गया। इसके लिए संतों, महात्माओं एवं अखाड़ों की सहमित लेने को कहा गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने एनएच-74 और एनएच-58 को जोड़कर बाहदराबाद के आस-पास से नजीबाबाद-बीजनौर को जोड़कर रिंग रोड के विकास के लिए पीडब्ल्यूडी और पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण के निर्देश दिये। इसके लिये कन्सलटेंट नियुक्त कर डीपीआर तैयार करने के लिये कहा गया। मेले के दृष्टिगत रेलवे लाइन देहरादून-हरिद्वार को डबल लेन करने हेतु केन्द्र को प्रस्ताव तैयार करने को कहा। हर की पैडी पर जन दबाव को देखते हुए कागड़ाघाट के विस्तारीकरण की योजना तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के लिए एक मेला एक्ट तैयार किया जाएगा। इसके लिए सम्बन्धित विभागों के सुझावों एवं विभिन्न राज्यों के कुम्भ एक्ट का अध्ययन कर लिया जाय। नगर विकास मंत्री/शासकीय प्रवक्ता श्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला अन्तर्राष्टिय स्वरूप रखता है। इसको एवं राज्य की प्रतिष्ठा को देखते हुए कुम्भ की तैयारियों में किसी भी प्रकार की कमी नही आने देंगे। बैठक में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सम्बन्धित विभागों के सचिव एवं सम्बन्धित विभागाध्यक्षों की अनुभवों को साझा किया गया। डीएम हरिद्वार एवं मेला अधिकारी श्री दीपक रावत ने कुम्भ मेला के सफल संचालन के लिये स्थाई रूप से अधिष्ठान बनाते हुए अन्य कार्मिकों की व्यवस्था के अतिरिक्त लाॅ-अफसर के तैनात करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में आईएसबीटी हेतु भूमि चिन्हिकरण के कार्य के निर्देश दिये। हरिद्वार की विद्युत व्यवस्था अन्डर ग्राउण्ड करते हुए हेरिटेज लुक की लाइटिंग करने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी हरिद्वार को यह भी निर्देश दिया कि मेले के दृष्टिगत बैरागी कैम्प और टिबरी से अतिक्रमण हटा लिया जाय।कुम्भ के अतिरिक्त प्रतिष्ठित कांवड़ मेले के तैयारियों की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 02-03 दिनों में बिजली, पानी, शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था कर लिया जाए। जिससे यात्रियों को आसुविधा न हो। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस वर्ष पहली बार कावड़ के लिए बजट का हेड खोला गया है इसमें 50 लाख रूपये की प्रारम्भिग तौर पर व्यवस्था की गई है।   नगर विकास मंत्री ने कहा कि लगभग 2.5 करोड़ कावड़ियों के लिए आवश्यक सुविधाएं-बिजली, पानी, शौचालय दिये जाने है इसके लिए हम पुरी तरह तैयार है। सुविधा हेतु मोबाईल टाॅइलेट की भी व्यवस्था की जाएगी। 44 किमी की नहर पटरी उत्तराखण्ड के पास है। 200 किमी यूपी के पास है। पुल जटवाड़ा से नारसन तक कावड़ियों के सुविधा हेतु व्यस्था की जानी है।  मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्धन, डीजीपी श्री एम.ए.गणपति, सचिव श्री डी.सैन्थिल पाडिंयन, सचिव श्रीमती राधिका झा, कमिश्नर गढ़वाल श्री विनोद शर्मा, एडीजी श्री रामसिंह मीणा, डीआईजी श्री पुष्पक ज्योति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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